NDA वापसी : एनडीए में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की धमाकेदार वापसी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में सियासी समीकरणों को बदलने वाली है। कुशवाहा समुदाय की मजबूती और सरकारी योजनाओं के असर से एनडीए को बड़ी जीत की उम्मीद है

चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की वापसी से गठबंधन को मजबूती
चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में वापसी से बिहार के ओबीसी वोट बैंक में खासा हलचल मची है। कुशवाहा समुदाय बिहार का दूसरा सबसे बड़ा ओबीसी वर्ग है, और चिराग पासवान की लौटने से एनडीए को सामाजिक आधार मजबूत करने में बड़ी मदद मिली है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वापसी उन इलाकों में जहां पिछली बार एनडीए पिछड़ गया था, खेल को पूरी तरह पलट सकती है।
पहले चरण की उन सीटों पर खास असर
पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान होना है, जिनमें पटना, भोजपुर, सारण, बेगूसराय, सीवान जैसे जिले शामिल हैं। 2020 के चुनाव में इन इलाकों में महागठबंधन का दबदबा था, लेकिन इस बार चिराग और कुशवाहा की वापसी से एनडीए को इन क्षेत्रों में अपना दबदबा बढ़ाने की मजबूती मिल चुकी है। एनडीए कयास लगा रहा है कि इससे पहले चरण में उसकी पकड़ मजबूत होगी।
कल्याणकारी योजनाओं से मतदाता वर्ग का समर्थन
एनडीए की योजना में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को मतदाताओं के सामने प्रभावी तरीके से रखना है, जिसमें 1.3 करोड़ से अधिक महिलाओं को ₹10,000 नकद सहायता जैसी योजनाएं प्रमुख हैं। इससे महिलाओं के वोट बैंक पर खासा असर पड़ेगा और एनडीए को फायदा होगा।
सियासी समीकरण में बदलाव की संभावना
चिराग पासवान और कुशवाहा की एनडीए में सम्मिलित होने से गठबंधन के भीतर सीटों का बंटवारा भी अधिक संतुलित हुआ है। इससे उम्मीदवारों के बीच सामंजस्य बढ़ा और इलाके में सक्रियता भी बढ़ी। एनडीए नेताओं का मानना है कि इससे पहले चरण में वे महागठबंधन को पीछे छोड़ सकेंगे।
पिछली हार से सीख और रणनीति
2020 के चुनाव में एनडीए को जहां कई सीटें मिली थीं, वहीं महागठबंधन ने कई इलाकों में बढ़त बनाई थी। चिराग और कुशवाहा के अलग अलग चुनाव लड़ने की वजह से एनडीए कमजोर पड़ा था। इस बार दोनों के एकजुट होने से एनडीए को उम्मीद है कि वह बेहतर प्रदर्शन करेगा और राजनीतिक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करेगा।
कुशवाहा समुदाय और जनसांख्यिकी का महत्व
कुशवाहा समुदाय बिहार की आबादी का करीब 4.2% बनाते हैं,
जो यादवों के बाद सबसे बड़ा ओबीसी समूह है।
इस समुदाय का वोट बैंक एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के भाजपा में
सक्रिय होने से भी यह वर्ग एनडीए के प्रति उत्साहित है।
अंत में
एनडीए में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की
वापसी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले
चरण में राजनीतिक पहलुओं को बदलने वाली साबित हो सकती है।
यह गठबंधन को सामाजिक रूप से मजबूत करने के
साथ-साथ चुनावी रणनीति को प्रभावी बनाने का काम करेगी।
पहले चरण के परिणाम भी इस बदलाव का स्पष्ट संकेत दे सकते हैं।




