Sawariya Seth Mandir: राजस्थान का चमत्कारी कृष्ण धाम
Sawariya Seth Mandir: राजस्थान का चमत्कारी कृष्ण धाम
Sawariya Seth Mandir: सांवरिया सेठ मंदिर, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित भगवान कृष्ण के सांवरिया स्वरूप को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए जाना जाता है और भक्तजन यहां बड़ी श्रद्धा से दर्शन करने आते हैं। भव्य मंदिर परिसर और दिव्य मूर्ति इसकी आध्यात्मिक आभा को बढ़ाते हैं। खासकर जन्माष्टमी और अन्य त्योहारों पर यहां भव्य आयोजन होते हैं।

Sawariya Seth Mandir, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया गांव में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
यह मंदिर भगवान कृष्ण के सांवले रूप, जिन्हें ‘सांवरिया सेठ’ के नाम से जाना जाता है,
को समर्पित है। यहां भक्त अपनी आस्थाओं और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।
इतिहास और महत्व
मंदिर का इतिहास 15वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है।
किवदंती के अनुसार, औरंगजेब के शासनकाल में मंदिरों और मूर्तियों को
बचाने के लिए संत दयाराम ने भगवान कृष्ण की मूर्तियों को बागुंड गांव के वटवृक्ष के नीचे दफनाया था।
लगभग 250 वर्षों बाद, भोलाराम गुर्जर नामक एक ग्वाले को स्वप्न में इन मूर्तियों के बारे में जानकारी मिली।
खुदाई करने पर तीन सुंदर मूर्तियां प्राप्त हुईं, जिनमें से एक को मंडफिया में स्थापित किया गया। तब से यह स्थान ‘सांवरिया सेठ’ के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
मंदिर की वास्तुकला
सांवरिया सेठ मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी और मुगल शैली का सुंदर मिश्रण है।
मुख्य गर्भगृह में भगवान कृष्ण की सुंदर मूर्ति स्थापित है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
मंदिर के बाहरी हिस्से को जटिल नक्काशी और भित्तिचित्रों से सजाया गया है, जो इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं।
धार्मिक महत्व और मान्यताएं
यहां भगवान कृष्ण की पूजा व्यापारी के रूप में की जाती है।
माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
व्यापारियों के लिए यह स्थान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है,
क्योंकि वे मानते हैं कि सांवरिया सेठ की कृपा से उनका व्यापार फलता-फूलता है।
प्रमुख धार्मिक आयोजन
मंदिर में वर्षभर विभिन्न धार्मिक उत्सवों का आयोजन होता है,
जैसे जन्माष्टमी, जल-झूलनी एकादशी, दीपावली, अन्नकूट, देवउठनी एकादशी, निर्जला एकादशी, शरद पूर्णिमा, बसंत पंचमी, और महाशिवरात्रि।
हर अमावस्या को महाप्रसाद का आयोजन होता है, और भंडार (दानपेटी) भी नियमित रूप से खोली जाती है।
मंदिर दर्शन का समय
सांवरिया सेठ मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे से 12:00 बजे तक
और दोपहर 2:30 बजे से रात 11:00 बजे तक खुला रहता है।
कैसे पहुंचे
सांवरिया सेठ मंदिर चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया गांव में स्थित है।
यह चित्तौड़गढ़ शहर से लगभग 40 किमी, निम्बाहेड़ा से 40 किमी, कपासन से 35 किमी, और उदयपुर से 70 किमी की दूरी पर है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ (40 किमी), निम्बाहेड़ा (40 किमी), कपासन (35 किमी), और उदयपुर (80 किमी) हैं।
यहां से टैक्सी और बस के माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
उदयपुर का महाराणा प्रताप एयरपोर्ट सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
सांवरिया सेठ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह श्रद्धा, विश्वास और चमत्कारों का केंद्र भी है।
यहां आकर भक्त आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं
और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान कृष्ण के इस सांवले रूप की आराधना करते हैं।
यदि आप भी भक्ति और अध्यात्म के इस अनोखे संगम का अनुभव करना चाहते हैं,
तो सांवरिया सेठ मंदिर अवश्य जाएं।