Prayagraj to Varanasi: प्रयागराज से वाराणसी यात्रा धार्मिकता और संस्कृति का अनोखा सफर!
Prayagraj to Varanasi: प्रयागराज से वाराणसी यात्रा धार्मिकता और संस्कृति का अनोखा सफर!
Prayagraj to Varanasi: प्रयागराज से वाराणसी की यात्रा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर है। गंगा नदी के किनारे बसे ये दोनों शहर धार्मिक महत्व रखते हैं, जहाँ संगम और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रमुख आकर्षण हैं। लगभग 120 किलोमीटर की यह दूरी सड़क, रेल और जल मार्ग से आसानी से तय की जा सकती है। यात्रा के दौरान गंगा घाट, प्राचीन मंदिर और बनारसी खानपान का आनंद लिया जा सकता है।
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#Prayagraj to Varanasi कैसे पहुंचे?
प्रयागराज और वाराणसी के बीच की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है,
जिसे आप ट्रेन, बस, कार या कैब के माध्यम से आसानी से तय कर सकते हैं।
गंगा नदी के किनारे बसे ये दोनों शहर ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
इस लेख में हम विभिन्न यात्रा विकल्पों और वाराणसी में घूमने लायक स्थानों की जानकारी देंगे।
ट्रेन यात्रा: सस्ती और सुविधाजनक
Prayagraj to Varanasi के बीच नियमित रूप से कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं।
यात्रा में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगता है। प्रमुख ट्रेनों में वाराणसी इंटरसिटी एक्सप्रेस और महामना एक्सप्रेस शामिल हैं।
अग्रिम आरक्षण करवाने पर आपको सीट और किराए में आसानी होगी।
सड़क मार्ग: अपनी गाड़ी या कैब से सफर
सड़क मार्ग से यात्रा करने पर आप NH 19 का उपयोग कर सकते हैं।
यह मार्ग सीधा और सुगम है, जिसमें लगभग 3 घंटे का समय लगता है।
यदि आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो बीच में स्थित सुंदर गाँवों और ढाबों पर रुक सकते हैं।
कैब बुकिंग के लिए ओला और उबर जैसी सेवाएँ भी उपलब्ध हैं।
बस सेवा: किफायती और आरामदायक
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन और निजी बस ऑपरेटरों की ओर से साधारण और एसी बसें उपलब्ध हैं।
बस यात्रा का समय 3 से 4 घंटे तक होता है।
ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स से आप आसानी से टिकट बुक कर सकते हैं और सीट भी चुन सकते हैं।
प्रयागराज से वाराणसी के बीच दर्शनीय स्थल
श्रृंगवेरपुर: ऐतिहासिक महत्व
प्रयागराज से 30 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान रामायण काल से जुड़ा है।
यहाँ गंगा नदी के तट पर निषादराज गुह की कथाएँ प्रचलित हैं।
यह स्थान आध्यात्मिकता और शांति का अनुभव कराता है।
सीतामढ़ी: धार्मिक स्थल
यह स्थान भगवान राम और माता सीता के वनगमन से जुड़ा है।
यहाँ स्थित राम-सीता मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
वाराणसी में घूमने की जगहें
काशी विश्वनाथ मंदिर: श्रद्धा का केंद्र
यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और शिव भक्तों के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है।
यहाँ का अद्भुत स्थापत्य और गंगा आरती का दृश्य देखने लायक है।
दशाश्वमेध घाट: गंगा आरती का अनुभव
यह घाट वाराणसी का सबसे प्रसिद्ध घाट है जहाँ शाम की गंगा आरती देखने हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
यहाँ दीपों और मंत्रोच्चार का वातावरण मन को शांति देता है।
सारनाथ: बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र
वाराणसी से 10 किलोमीटर दूर सारनाथ वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
यहाँ धमेख स्तूप और म्यूजियम दर्शनीय हैं।
वाराणसी के प्रसिद्ध व्यंजन
बनारसी पान, कचौड़ी-जलेबी, टमाटर चाट और बनारसी लस्सी यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजन हैं।
विश्वनाथ गली और गोदौलिया पर स्थित भोजनालयों में इनका स्वाद ले सकते हैं।
यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय
अक्टूबर से मार्च का समय वाराणसी घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है।
देव दीपावली और मकर संक्रांति जैसे त्योहारों के समय यहाँ का अनुभव और भी खास होता है।
प्रयागराज से वाराणसी की यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद खास है।
चाहे आप ट्रेन से जाएं या सड़क मार्ग से, यह यात्रा आपको गंगा के दोनों किनारों की संस्कृति और आस्था से जोड़ती है।
अपनी यात्रा को सुखद और यादगार बनाने के लिए समय से योजना बनाएं और इन स्थलों का आनंद लें!