Virupaksha Temple: कल्पना से परे अद्भुत सौंदर्य का प्रतीक है यह मंदिर
Virupaksha Temple: कल्पना से परे अद्भुत सौंदर्य का प्रतीक है यह मंदिर
Virupaksha Temple: विरुपाक्ष मंदिर कर्नाटक के हम्पी में स्थित एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान शिव के अवतार विरुपाक्ष को समर्पित है। यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य की भव्य वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है। इसकी ऊँची गोपुरम (द्वार) और सुंदर नक्काशी इसे अद्वितीय बनाती है। यह हम्पी के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ भक्तों और पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है।
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विरुपाक्ष मंदिर: इतिहास, वास्तुकला और धार्मिक महत्व
प्राचीन विरासत का प्रतीक विरुपाक्ष मंदिर
विरुपाक्ष मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के हम्पी शहर में स्थित एक प्राचीन मंदिर है।
यह मंदिर हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है।
हम्पी का यह ऐतिहासिक मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
विरुपाक्ष मंदिर का इतिहास
यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य के दौरान निर्मित हुआ था।
इसकी स्थापना 7वीं शताब्दी में हुई थी, लेकिन समय के साथ इसे कई राजाओं ने पुनर्निर्मित और विस्तार किया।
राजा कृष्णदेवराय के शासनकाल में इस मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया।
मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर की गई उत्कृष्ट नक्काशी इसकी भव्यता को प्रदर्शित करती है।
मंदिर की अद्भुत वास्तुकला
विरुपाक्ष मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इसका मुख्य गोपुरम (गेटवे टॉवर) लगभग 50 मीटर ऊँचा है और इसमें सुंदर मूर्तियाँ और नक्काशी की गई हैं।
मंदिर परिसर में कई मंडप, स्तंभ और उप-गृह हैं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
मंदिर के आंतरिक भाग में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है, जिसे भक्त बड़ी श्रद्धा से पूजते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
विरुपाक्ष मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र है।
यहाँ प्रतिवर्ष कई धार्मिक उत्सवों और समारोहों का आयोजन किया जाता है।
विवाह महोत्सव, कार्तिक मास की विशेष पूजा और वार्षिक रथ यात्रा जैसे कार्यक्रम बड़ी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाए जाते हैं।
कैसे पहुँचें विरुपाक्ष मंदिर?
हम्पी तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन होसपेट है, जो लगभग 13 किलोमीटर दूर है।
यहाँ से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
निकटतम हवाई अड्डा हुबली है, जो लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित है।
पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
समय: मंदिर सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क: भारतीय पर्यटकों के लिए निःशुल्क, विदेशी पर्यटकों के लिए नाममात्र शुल्क।
आदर्श समय: नवंबर से फरवरी के बीच का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
निष्कर्ष
विरुपाक्ष मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है,
बल्कि यह भारतीय इतिहास और वास्तुकला की उत्कृष्ट धरोहर भी है।
अगर आप ऐतिहासिक स्थलों में रुचि रखते हैं और अध्यात्म से जुड़ना चाहते हैं,
तो हम्पी का विरुपाक्ष मंदिर अवश्य जाएँ।