Shalimar Bagh: दिल्ली मुगलकालीन इतिहास, वास्तुकला और हरियाली का अनोखा संगम
Shalimar Bagh: दिल्ली मुगलकालीन इतिहास, वास्तुकला और हरियाली का अनोखा संगम
Shalimar Bagh: शालीमार बाग दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर है, जहाँ आप मुगलकालीन वास्तुकला, शीश महल, खूबसूरत फव्वारे और हरियाली का आनंद ले सकते हैं। जानिए शालीमार बाग का इतिहास, दर्शनीय स्थल, और क्यों यह जगह परिवार व प्रकृति प्रेमियों के लिए खास है।
शालीमार बाग: दिल्ली की मुगल विरासत और सुकून भरी हरियाली

अगर आप दिल्ली के शोर-शराबे से दूर, इतिहास और प्रकृति के संगम वाली किसी जगह की तलाश में हैं, तो शालीमार बाग जरूर जाएँ। यह बाग न सिर्फ अपनी हरियाली के लिए मशहूर है, बल्कि मुगलकालीन वास्तुकला, ऐतिहासिक घटनाओं और शाही ठाठ-बाट का भी जीता-जागता उदाहरण है।
शालीमार बाग का इतिहास
Shalimar Bagh का निर्माण 1642 में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने करवाया था। इसे उनकी तीसरी पत्नी, इज़-उन-निसा (अकबराबादी महल) के नाम से भी जोड़ा जाता है। बाग के भीतर बना शीश महल (क्रिस्टल महल) अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहीं 1658 में औरंगजेब का राज्याभिषेक हुआ था और 1738 में नादिर शाह ने दिल्ली पर आक्रमण से पहले यहीं डेरा डाला था। 1803 में ब्रिटिश रेजिडेंट सर डेविड ऑक्टरलोनी ने इसे अपना ग्रीष्मकालीन निवास भी बनाया था।
वास्तुकला और बाग की खासियत
शालीमार बाग का डिज़ाइन पारंपरिक मुगल शैली का है, जिसमें चौकोर चारबाग लेआउट, फव्वारे, नहरें, लाल बलुआ पत्थर की इमारतें और बारीक नक्काशीदार झरोखे शामिल हैं। बाग के पीछे एक ऐतिहासिक कुआँ भी है, जिससे पानी खींचकर छत पर बने जलाशय में संग्रहित किया जाता था, और वहीं से फव्वारों और नहरों में पानी बहता था। बाग के चारों ओर हरियाली, फूलों की क्यारियाँ और छायादार पेड़ आज भी सुकून का अहसास कराते हैं।
शीश महल और हालिया बदलाव
बाग के भीतर बना शीश महल, अपनी बारीक कांच की सजावट और ऐतिहासिक घटनाओं के लिए खास है। हाल ही में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने शालीमार बाग-शीश महल परिसर के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया है, जिससे इसकी पुरानी भव्यता लौटाई जा रही है। दिसंबर 2024 तक यह पार्क और शीश महल दिल्लीवासियों के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
आज का शालीमार बाग
आज शालीमार बाग दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में 150 एकड़ में फैला एक हरा-भरा सार्वजनिक पार्क है।
यहाँ परिवार के साथ पिकनिक मनाने, बच्चों के साथ खेलने,
सुबह-शाम की सैर करने और इतिहास को महसूस करने का मौका मिलता है।
वसंत और शरद ऋतु में यहाँ का मौसम और हरियाली देखने लायक होती है।
क्यों जाएँ शालीमार बाग?
- मुगलकालीन वास्तुकला और इतिहास को करीब से देखने के लिए।
- शीश महल जैसी ऐतिहासिक इमारतों की भव्यता का अनुभव करने के लिए।
- हरे-भरे वातावरण में सुकून भरे पल बिताने के लिए।
- बच्चों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए।
शालीमार बाग सिर्फ एक बाग नहीं,
बल्कि दिल्ली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है।
यहाँ की हरियाली, फव्वारे, प्राचीन इमारतें और इतिहास की कहानियाँ
आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाती हैं।
अगली बार जब भी दिल्ली जाएँ,
शालीमार बाग की सैर जरूर करें और मुगलकालीन शाही ठाठ का अनुभव लें।