RURAL TOURISM: ग्रामीण पर्यटन का केंद्र बनेगी निषादराज की नगरी श्रृंगवेरपुर धाम को संवारने का रोडमैप तैयार
RURAL TOURISM: ग्रामीण पर्यटन का केंद्र बनेगी निषादराज की नगरी श्रृंगवेरपुर धाम को संवारने का रोडमैप तैयार
RURAL TOURISM: अगले साल कुंभनगरी प्रयागराज (PRAYAGRAJ) में
आयोजित होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) से जुड़ा एक नया डेस्टिनेशन अब
निषादराज की नगरी श्रृंगवेरपुर धाम (Shringaverpur Dham) बनने जा रही है।
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन
(Rural Tourism) के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने का रोडमैप तैयार किया गया है।
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यूपी सरकार ने 3781 लाख से अधिक के बजट से गंगा किनारे स्थित निषादराज
गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साझा संकल्प से
श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की संभावनाएं भी विकसित की जा रही हैं।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं,
श्रृंगवेरपुर धाम के कायाकल्प का कार्य अब खत्म होने के चरण में है। यहां 3732.90 लाख की लागत से
निषादराज पर्यटन पार्क (Nishadraj Tourism Park) स्थल का निर्माण दो चरणों में किया गया है।
निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण के लिए 1963.01 लाख रुपये के बजट से
निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य,
पोडियम का कार्य, ओवरहेड टैंक, बाउंड्री वॉल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया।
इसी तरह, श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के 1818.90 लाख रुपये के बजट से
इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन को प्रदर्शित करने वाली गैलेरी, चित्रांकन,
ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क,
पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर, आउटर रोड, सोलर पैनल,
मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
अपराजिता सिंह के मुताबिक, रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को
विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होमस्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
इसके लिए, यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड-हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है,
ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग की जाएगी,
स्थानीय खानपान और संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा।
पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान ग्रामीण हस्तशिल्प का हिस्सा बन सके ऐसी कोशिश भी की जा रही है।