Purana Qila Delhi: जानिए दिल्ली के प्रसिद्ध पुराना किला का इतिहास, वास्तुकला, मुख्य आकर्षण और यात्रा से जुड़ी जरूरी जानकारी। इस ब्लॉग में पढ़ें किले की खासियत, घूमने के टिप्स और क्यों है यह जगह इतिहास प्रेमियों और परिवार के लिए खास।
पुराना किला: दिल्ली का इतिहास बयां करता एक शानदार किला

अगर आप दिल्ली घूमने का मन बना रहे हैं और इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं, तो ‘पुराना किला’ (Old Fort) जरूर देखें। यह किला न सिर्फ दिल्ली की प्राचीनता को दर्शाता है, बल्कि यहां की दीवारों में छुपी कहानियां आपको रोमांचित कर देंगी। चलिए, जानते हैं पुराना किला से जुड़ी कुछ खास बातें एक दोस्ताना अंदाज में।
पुराना किला का इतिहास
Purana Qila Delhi दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक है। माना जाता है कि इसका निर्माण 16वीं सदी में शेरशाह सूरी ने करवाया था। हालांकि, कुछ इतिहासकार इसे पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ से भी जोड़ते हैं। शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच हुए संघर्षों की गवाह रही यह जगह कई ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही है।
वास्तुकला और बनावट
पुराना किला लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसकी दीवारें काफी मोटी और ऊंची हैं। किले के तीन मुख्य दरवाजे हैं – बड़ा दरवाजा, हुमायूं दरवाजा और तलाकी दरवाजा। किले के अंदर एक सुंदर मस्जिद (किला-ए-कुहना मस्जिद), बावड़ी और कई पुराने खंडहर हैं, जो इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं।
घूमने लायक जगहें
- किला-ए-कुहना मस्जिद: यह मस्जिद शेरशाह सूरी ने बनवाई थी और इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
- बावड़ी: किले के अंदर बनी यह बावड़ी (सीढ़ीदार कुआं) प्राचीन जल प्रणाली का बेहतरीन उदाहरण है।
- झील और बोटिंग: किले के पास एक सुंदर झील है, जहां आप बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं।
- म्यूजियम: किले के अंदर एक छोटा सा म्यूजियम भी है, जिसमें खुदाई में मिली ऐतिहासिक वस्तुएं रखी गई हैं।
क्यों जाएं पुराना किला?
- इतिहास के शौकीनों के लिए: यहां आकर आप दिल्ली के प्राचीन इतिहास को करीब से महसूस कर सकते हैं।
- फोटोग्राफी: किले की दीवारें, दरवाजे और झील फोटोग्राफी के लिए शानदार जगह हैं।
- पिकनिक और परिवार के साथ समय बिताने के लिए: किले का गार्डन और झील बच्चों और परिवार के लिए बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है।
- शांति और सुकून: दिल्ली की भीड़-भाड़ से दूर, यहां आपको शांति और हरियाली दोनों मिलेंगी।
यात्रा संबंधी जरूरी बातें
- स्थान: पुराना किला, प्रगति मैदान के पास, दिल्ली
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक
- टिकट: भारतीय नागरिकों के लिए नाममात्र शुल्क, विदेशी पर्यटकों के लिए अलग शुल्क
- कैसे पहुंचे: मेट्रो से आईटीओ या प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन उतरकर ऑटो या पैदल पहुंच सकते हैं।
पुराना किला सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं,
बल्कि दिल्ली के बदलते समय का साक्षी है।
यहां की दीवारें, दरवाजे और खंडहर आपको अतीत की सैर कराते हैं।
अगली बार जब भी दिल्ली जाएं, तो पुराना किला जरूर देखें और इसकी कहानियों में खो जाएं।











