होलीका दहन 2025: तिथि, महत्व और परंपराएँ क्या है।
होलीका दहन 2025: तिथि, महत्व और परंपराएँ क्या है।
Holika dahan 2025 की तिथि
Holika dahan 2025, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है,
होली पर्व से एक दिन पहले मनाया जाता है।
2025 में, यह उत्सव 12 मार्च को मनाया जाएगा।
इस दिन, लोग सामूहिक रूप से होलीका दहन करते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

होलीका दहन का धार्मिक महत्व
होलीका दहन का संबंध प्राचीन हिंदू पौराणिक कथा से है।
कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यपु नामक असुर राजा ने अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान विष्णु में अटूट भक्ति से क्रोधित होकर,
अपनी बहन होलीका से प्रह्लाद को आग में जलाने का आदेश दिया। होलीका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी।
लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के कारण, होलीका स्वयं जल गई और प्रह्लाद सुरक्षित रहे। यह घटना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
होलीका दहन की परंपराएँ
होलीका दहन की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है।
लोग लकड़ियाँ, सूखे पत्ते और अन्य दहनशील सामग्री एकत्रित करते हैं।
दहन स्थल को साफ किया जाता है और वहाँ होलीका की स्थापना की जाती है।
दहन के समय, लोग होलीका के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, भजन गाते हैं और अपनी समृद्धि की कामना करते हैं।
होलीका दहन के दौरान सुरक्षा उपाय
होलीका दहन के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है।
दहन स्थल से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। बच्चों को आग के पास न जाने दें।
दहन के लिए सुरक्षित और खुली जगह का चयन करें ताकि आग फैलने का खतरा न हो।
साथ ही, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक और हानिकारक पदार्थों का उपयोग न करें।
होलीका दहन और पर्यावरण संरक्षण
आजकल, पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण विषय है।
होलीका दहन के दौरान, हमें पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए।
कम से कम लकड़ियों का उपयोग करें और प्रदूषण फैलाने वाले पदार्थों से बचें।
साथ ही, वृक्षारोपण करें ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।
निष्कर्ष
होलीका दहन 2025 में 12 मार्च को मनाया जाएगा।
यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है
और हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने की प्रेरणा देता है।
इस अवसर पर, हमें परंपराओं का पालन करते हुए पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखना चाहिए।