Kukke Subramanya: काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए दक्षिण के इस मंदिर में की जाती है पूजा, जानिए मंदिर का इतिहास
Kukke Subramanya: काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए दक्षिण के इस मंदिर में की जाती है पूजा, जानिए मंदिर का इतिहास
Kukke Subramanya: कुके सुब्रमण्य मंदिर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जो भगवान कार्तिकेय के सुब्रमण्य स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर विशेष रूप से नाग दोष और सर्प संकट से मुक्ति पाने के लिए प्रसिद्ध है। पश्चिमी घाट की हरियाली से घिरा यह स्थल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु सर्पसंस्कार पूजा करवाने के लिए आते हैं।

कुके सुब्रमण्या: एक पवित्र मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
कुके सुब्रमण्या मंदिर का परिचय
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित, कुके सुब्रमण्या मंदिर भगवान कार्तिकेय को समर्पित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
यह मंदिर अपनी धार्मिक महत्ता, प्राकृतिक सुंदरता और नाग देवता की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
हर साल हजारों भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर का धार्मिक महत्व
कुके सुब्रमण्या मंदिर हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। यह मंदिर नाग पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
मान्यता है कि यहाँ भगवान कार्तिकेय ने नागों के राजा वासुकी को शरण दी थी।
इस कारण, यह स्थान सर्प दोष निवारण पूजा के लिए प्रमुख केंद्र माना जाता है।
कैसे पहुँचें कुके सुब्रमण्या?
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा मंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 115 किमी दूर है।
रेल मार्ग: कुके सुब्रमण्या रोड रेलवे स्टेशन यहाँ से 12 किमी दूर स्थित है।
सड़क मार्ग: यह स्थान कर्नाटक और अन्य दक्षिण भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
मुख्य आकर्षण और दर्शनीय स्थल
कुमार पर्वत
यह पर्वत ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग के समान है।
यह कर्नाटक का सबसे ऊँचा पर्वत है और यहाँ से हरे-भरे जंगलों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान
वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह पार्क किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
यहाँ बाघ, हाथी और कई अन्य दुर्लभ जीव देखे जा सकते हैं।
धारा नदी
मंदिर के पास बहने वाली यह नदी अपनी शुद्धता और पवित्रता के लिए जानी जाती है।
श्रद्धालु यहाँ स्नान कर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं।
कुके सुब्रमण्या में करने योग्य प्रमुख गतिविधियाँ
सर्प दोष निवारण पूजा में भाग लेना
ट्रेकिंग और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना
स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना
धारा नदी में स्नान करना
उत्सव और त्योहार
यहाँ हर साल कई प्रमुख हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं।
विशेष रूप से सुब्रमण्या शष्ठी और मकर संक्रांति को यहाँ भव्य रूप से मनाया जाता है।
इन अवसरों पर मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
कब जाएँ?
कुके सुब्रमण्या जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है।
इस दौरान मौसम सुहावना होता है और मंदिर के दर्शन के लिए उपयुक्त समय माना जाता है।
निष्कर्ष
कुके सुब्रमण्या मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं,
बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम भी है।
यदि आप अध्यात्म, प्रकृति और रोमांच से भरपूर यात्रा की योजना बना रहे हैं,
तो यह स्थान आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।