Sangam Ghat: प्रयागराज के इस घाट पर लीजिए गोवा जैसा मजा
Sangam Ghat: प्रयागराज के इस घाट पर लीजिए गोवा जैसा मजा
Sangam Ghat: संगम घाट भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर स्थित एक पवित्र स्थान है, जहां दो या तीन नदियों का मिलन होता है। प्रयागराज का त्रिवेणी संगम सबसे प्रसिद्ध है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी मिलती हैं। यह स्थान कुंभ मेले और धार्मिक स्नान के लिए श्रद्धालुओं के बीच विशेष आस्था रखता है। संगम घाट पर डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

संगम घाट का महत्व
भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संगम घाट का विशेष महत्व है।
यह वह पवित्र स्थान है जहां तीन नदियों – गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है।
इसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इसे मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है।
🌊 गंगा, यमुना और सरस्वती का पवित्र संगम
संगम पर गंगा और यमुना के जल का भिन्न रंग स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
गंगा का पानी हल्का और यमुना का पानी गहरा होता है,
जबकि माना जाता है कि सरस्वती नदी अदृश्य रूप से इसमें विलीन होती है।
🕉️ धार्मिक मान्यता और आस्था
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं
और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ और अर्धकुंभ जैसे महापर्वों में लाखों श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं।
📍 प्रमुख संगम घाट
भारत में कई स्थानों पर संगम घाट मौजूद हैं,
जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
प्रयागराज (इलाहाबाद) संगम घाट – सबसे प्रसिद्ध संगम, जहां कुंभ और अर्धकुंभ मेले का आयोजन होता है।
नासिक त्र्यंबकेश्वर संगम – गोदावरी नदी के किनारे स्थित यह घाट भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
हरिद्वार संगम घाट – हरिद्वार में गंगा का पवित्र संगम लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
🛶 संगम घाट पर प्रमुख गतिविधियां
पवित्र स्नान – संगम पर स्नान करने का धार्मिक और स्वास्थ्यवर्धक महत्व है।
पूजा-पाठ और तर्पण – यहां लोग पिंडदान, तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
नौका विहार – संगम में नाव की सवारी का अलग ही आनंद होता है।
आरती और भजन-कीर्तन – सुबह और शाम की आरती मन को शांति और अध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है।
✨ कुंभ और अर्धकुंभ मेले की भव्यता
प्रयागराज का कुंभ मेला संगम घाट का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है,
जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है।
यहां देश-विदेश से करोड़ों लोग आते हैं।
यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम होता है।
🛕 संगम घाट के दर्शन का सर्वोत्तम समय
संगम पर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है।
कुंभ और अर्धकुंभ के दौरान यह घाट सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला होता है।
सुबह और शाम की आरती के समय दर्शन करना एक दिव्य अनुभव होता है।
💡 निष्कर्ष
संगम घाट केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं,
बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है।
यह स्थान पवित्रता, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है।
यदि आप भारत की आध्यात्मिकता को करीब से देखना चाहते हैं, तो संगम घाट की यात्रा अवश्य करें।