संजय यादव पेड टीम: मुख्य रूप से तेजस्वी यादव के रणनीतिकार और सलाहकार थे, जिन्होंने 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में RJD की हार के लिए जिम्मेदार ठहराए गए। यह टीम टिकट वितरण और चुनावी रणनीति में प्रमुख भूमिका निभा रही थी, लेकिन पार्टी के भीतर कई वरिष्ठ नेताओं को उनकी गतिविधियों से असंतोष था।

संजय यादव तेजस्वी यादव के प्रमुख सलाहकार और राजद की चुनावी रणनीति में एक निर्णायक भूमिका निभाने वाले व्यक्ति हैं। वे राजद के युवा चेहरों में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने पार्टी की राजनीतिक छवि बदलने और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार में सक्रिय योगदान दिया। 2015 से 2025 तक हर बड़े चुनाव में उनका प्रभाव रहा है।
चुनावी रणनीति और संगठन में भूमिका
संजय यादव पेड टीम की चुनावी रणनीति बनाने और टिकट वितरण में निर्णायक भूमिका रही,
लेकिन इसके चलते पार्टी के जिला और प्रखंड स्तर के कई पुराने और अनुभवी नेताओं को दरकिनार किया गया।
इस टीम ने खुद सर्वे कर नेतृत्व को रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर 33 विधायकों को टिकट दिया गया।
इस वजह से पार्टी के कई पुराने नेता और कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए और बगावत भी हुई।
टीम पर पैसे लेने और बाहरी प्रचारक बुलाने जैसे आरोप भी लगे।
पार्टी में विवाद और हार के कारण
संजय यादव की टीम के कारण पार्टी में अंदरूनी असंतोष गहरा गया। कई वरिष्ठ नेताओं को तेजस्वी यादव
से मिलने में कठिनाई हुई, जिससे पार्टी की जमीनी ताकत कमजोर पड़ी। चुनावी वादों जैसे
“हर घर नौकरी” का जनसमूह में अच्छा असर नहीं पड़ा। इस सबका नतीजा RJD को बिहार
विधानसभा चुनाव में करारी हार के रूप में सामने आया। हार के बाद पार्टी में
इस टीम को खासा दोषी माना गया और कई कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया।
निष्कर्ष
संजय यादव पेड टीम ने पार्टी के अंदरूनी नेताओं को दरकिनार कर चुनावी रणनीति संचालित की,
जिससे संगठनात्मक तालमेल टूटा और पार्टी को भारी नुकसान हुआ।
उनका मॉडल पारंपरिक राजनीति को विरोधाभासी तरीके से बदलने का प्रयास था,
लेकिन इसकी वजह से पार्टी की हार हुई और विवाद गहराया।
यह टीम तेजस्वी यादव की रणनीतिक सफलता और विफलता दोनों में महत्वपूर्ण रही है,
जिसमें पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह उसका गहरा प्रभाव देखा गया।





