Grishneshwar Temple: औरंगाबाद में है 3,000 साल पुराना घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाशिवरात्रि के दिन लगती है भक्तों की भीड़
Grishneshwar Temple: औरंगाबाद में है 3,000 साल पुराना घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाशिवरात्रि के दिन लगती है भक्तों की भीड़
Grishneshwar Temple: गृष्णेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण शिव मंदिर है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है और यहाँ का वातावरण भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। गृष्णेश्वर मंदिर की यात्रा करने से धार्मिक और मानसिक शांति मिलती है।

गृश्मेश्वर मंदिर: बारहवाँ ज्योतिर्लिंग और आध्यात्मिक धरोहर
परिचय
गृश्मेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।
यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है।
एलोरा की प्रसिद्ध गुफाओं के पास स्थित यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर का इतिहास
गृश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग का उल्लेख पुराणों में मिलता है।
कहा जाता है कि एक भक्तिन, गृश्मा, भगवान शिव की गहरी आराधना करती थीं।
उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहाँ प्रकट होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्वयं को स्थापित किया।
इसीलिए इस मंदिर को “गृश्मेश्वर” नाम दिया गया।
इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्ञी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था,
जिन्होंने काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिरों का भी पुनर्निर्माण कराया था।
मंदिर की वास्तुकला
गृश्मेश्वर मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है और लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।
मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की सुंदर नक्काशी की गई है।
मुख्य विशेषताएँ:
मंदिर का शिखर भव्य और शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जिसे भक्त जल और बेलपत्र अर्पित करते हैं।
मंदिर का प्रवेशद्वार नक्काशीदार मूर्तियों से सुसज्जित है, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भव्यता को दर्शाता है।
गृश्मेश्वर मंदिर की विशेषताएँ
यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे अंतिम ज्योतिर्लिंग है।
यहाँ भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप द्वारा की जाती है।
महाशिवरात्रि और श्रावण मास में मंदिर में भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
गृश्मेश्वर मंदिर कैसे पहुँचे?
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद है, जो यहाँ से लगभग 30 किमी दूर है।
रेल मार्ग: औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से गृश्मेश्वर मंदिर तक टैक्सी और बस की सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग: महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों से यह स्थल सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
गृश्मेश्वर मंदिर शिवभक्तों के लिए एक दिव्य तीर्थस्थल है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है,
बल्कि भारतीय संस्कृति और स्थापत्य कला का भी अद्भुत उदाहरण है।
यदि आप भगवान शिव के आशीर्वाद की तलाश में हैं, तो यह मंदिर आपकी यात्रा सूची में अवश्य होना चाहिए।