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विटामिन D की अधिक मात्रा खून में कैल्शियम बढ़ाती है, जिससे किडनी स्टोन, डैमेज और, गंभीर रूप से, किडनी फेलियर तक का जोखिम होता है। डॉक्टर की सलाह के बिना लम्बे समय तक हाई डोज लेने से ये खतरा बहुत बढ़ जाता है।​

On: November 20, 2025 4:38 AM
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विटामिन D ओवरडोज, किडनी डैमेज

विटामिन D ओवरडोज, किडनी डैमेज की अधिक मात्रा खून में कैल्शियम स्तर बढ़ा सकती है, जिससे किडनी स्टोन, डैमेज और गंभीर किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर की सलाह के बिना हाई डोज लेना स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है।

विटामिन D ओवरडोज, किडनी डैमेज
विटामिन D ओवरडोज, किडनी डैमेज

#विटामिन D ओवरडोज़: आपकी किडनी के लिए खतरा

विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है, क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत बनाता है

और इम्यून सिस्टम को भी बेहतर करता

है। लेकिन विटामिन D की अधिक मात्रा लेना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है,

खासकर आपकी किडनी के लिए।

आज के इस ब्लॉग में जानेंगे कि विटामिन D ओवरडोज़ क्या होता है,

यह कैसे आपकी किडनी को नुकसान पहुंचाता है, इसके लक्षण क्या हैं,

और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।

विटामिन D ओवरडोज़ क्या है?

विटामिन D ओवरडोज़ तब होता है जब आप शरीर की जरूरत से कहीं अधिक विटामिन D लेते हैं।

इससे खून में कैल्शियम की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है,

जिसे हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है। यह स्थिति किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालती है

और कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है।

किडनी पर असर

जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है, तो किडनी को इस अतिरिक्त कैल्शियम को फिल्टर करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती

है। परिणामस्वरूप, कैल्शियम किडनी की तंत्रिकाओं और टिश्यू में जमने लगता है, जिसे नेफ्रो कैल्सीनोसिस कहा जाता है।

यह किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर धीरे-धीरे किडनी फेलियर का कारण बन सकता है।

साथ ही, कैल्शियम जमा होने से किडनी स्टोन (पथरी) बनने का खतरा भी बढ़ जाता है,

जिससे किडनी को नुकसान पहुंचता है।

विटामिन D ओवरडोज़ के लक्षण

अधिकांश लोग विटामिन D ओवरडोज के शुरुआती लक्षणों को पहचान नहीं पाते क्योंकि ये सामान्य होते हैं।

कुछ प्रमुख लक्षण निम्न हैं:

  • मतली, उल्टी और कब्ज
  • पेट में दर्द और भूख कम लगना
  • मांसपेशियों में कमजोरी और थकान
  • भ्रम या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
  • पीठ या साइड में दर्द
  • पैरों में सूजन और सांस लेने में दिक्कत

यदि ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

क्यों होता है विटामिन D का ओवरडोज़?

  • बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स का सेवन
  • गलत खुराक लेना, जैसे कि रोजाना 60,000 IU लेना जो कि एक हफ्ते की खुराक होती है
  • विटामिन D सप्लीमेंट्स को बिना ब्लड टेस्ट के लेना
  • गलत प्रिस्क्रिप्शन या दवा की गलती

विटामिन D की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, सामान्य वयस्कों को प्रतिदिन 400 से 1000 IU विटामिन D की आवश्यकता होती है।

4,000 IU से अधिक मात्रा लगातार लेना ओवरडोज के जोखिम को बढ़ा सकता है।

इसीलिए सप्लीमेंट लेना हो तो डॉक्टर की सलाह एवं ब्लड टेस्ट के बाद ही करें।

विटामिन D ओवरडोज़ से बचाव कैसे करें?

  • डॉक्टर की सलाह के बिना विटामिन D सप्लीमेंट्स न लें।
  • आवश्यकता अनुसार ही विटामिन D लें और ब्लड टेस्ट कराते रहें।
  • कभी भी निर्धारित खुराक से अधिक खुराक न लें।
  • धूप लगाना प्राकृतिक स्रोत है, इसे अपनाएं लेकिन इसके लिए भी संतुलन जरूरी है।
  • किसी भी अप्रत्याशित लक्षण जैसे कि पेट दर्द, कमजोरी, या असामान्य थकान महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

विटामिन D शरीर के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका अति सेवन आपका स्वास्थ्य खराब कर सकता है,

खासकर किडनी को नुक़सान पहुंचा सकता है।

इसलिए हमेशा सावधानी से और डॉक्टरी सलाह लेकर ही विटामिन D सप्लीमेंट्स का सेवन करें ताकि

यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो न कि हानिकारक।

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