36 साल फरार : यह मामला दिखाता है कि अपराधी कितनी चालाकी से कानून को चुनौती देते हैं। धर्म परिवर्तन और नाम बदलाव कानूनी हैं, लेकिन अपराध से बचाव नहीं देते। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।शादी के बाद नाम बदलना भारत में एक सामान्य परंपरा है, खासकर महिलाओं के बीच, लेकिन यह पूरी तरह वैकल्पिक है। यह प्रक्रिया कानूनी रूप से सरल है और विवाह प्रमाण पत्र पर आधारित होती है, जो नए नाम को मान्यता देती है। व्यक्ति को निर्णय लेने के बाद सभी दस्तावेज अपडेट करने पड़ते हैं

बरेली के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में 1987 में प्रदीप कुमार सक्सेना ने अपने सगे भाई संजीव सक्सेना की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन 1989 में पैरोल पर रिहा होने के बाद वह फरार हो गया। 36 साल तक पुलिस की तलाश से बचने के लिए उसने नाम, हुलिया, ठिकाना और धर्म तक बदल लिया।
अपराध और फरार होने की शुरुआत
प्रदीप पर हत्या (धारा 302) और चोरी (धारा 379) के मामले दर्ज हुए।
सजा के बाद पैरोल मिली, लेकिन हाईकोर्ट की हड़ताल का फायदा उठाकर वह गायब हो गया।
उसके खिलाफ कई वारंट जारी हुए, मगर लोकेशन का पता नहीं चला।
हाल ही में हाईकोर्ट के सख्त निर्देश पर प्रेमनगर पुलिस ने विशेष टीम गठित की
नई पहचान का निर्माण
प्रदीप ने अपना नाम अब्दुल रहीम उर्फ सक्सेना रख लिया
और इस्लाम अपना लिया। दाढ़ी बढ़ाई, टोपी पहनने लगा ताकि हुलिया न पहचाना जाए।
मुरादाबाद के मोहल्ला करूला में बस गया, जहां एक मुस्लिम विधवा से शादी कर ली।
वहां ट्रांसपोर्टनगर में ड्राइवर बनकर परिवार के साथ सामान्य जीवन जीने लगा
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
पुलिस ने पहले पैतृक गांव शाही में तलाशी ली, जहां भाई सुरेश बाबू और पूर्व पत्नी ने बताया
कि प्रदीप ने धर्म बदला है। मुरादाबाद पहुंचकर स्थानीय लोगों से ‘सक्सेना ड्राइवर’ के बारे में जानकारी मिली।
डेलापीर मंडी के पास से 70 वर्षीय अब्दुल रहीम को पकड़ा गया, जिसने पूछताछ में असली पहचान कबूल ली।
कानूनी और सामाजिक पहलू
| बदलाव | तरीका | उद्देश्य |
|---|---|---|
| नाम | प्रदीप से अब्दुल रहीम | पहचान छिपाना |
| हुलिया | दाढ़ी-टोपी | शक न पैदा हो |
| ठिकाना | बरेली से मुरादाबाद | नई जिंदगी |
| शादी | मुस्लिम विधवा से | सामाजिक घुलमिल |
यह मामला दिखाता है कि अपराधी कितनी चालाकी से कानून को चुनौती देते हैं।
धर्म परिवर्तन और नाम बदलाव कानूनी हैं, लेकिन अपराध से बचाव नहीं देते।
पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।




