दिल्ली ब्लास्ट वीडियो से पहले उमर का नया वीडियो सामने आया है, जिसमें वह सुसाइड बॉम्बिंग को जायज ठहराता दिख रहा है। जांच एजेंसियां वीडियो की सच्चाई और आतंकी नेटवर्क से इसके संबंध की पड़ताल कर रही हैं।

उमर का नया वीडियो: क्या है इसमें खास?
दिल्ली विस्फोट से कुछ दिन पहले रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में
डॉ. उमर सुसाइड बॉम्बिंग पर खुलकर बात करता नज़र आता है।
वीडियो में उमर कहता है, “जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है
कि वह निश्चित रूप से मरने जा रहा है,
तो उसकी मानसिकता खतरनाक हो जाती है।” वह इसी प्रक्रिया को आत्मघाती हमले की मानसिकता से जोड़ता है
इसके आगे उमर यह भी कहता है, “
किसी भी लोकतांत्रिक और मानवीय व्यवस्था में ऐसी सोच स्वीकार नहीं की जा सकती,
क्योंकि यह समाज, जीवन एवं कानून के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।”
वीडियो के मायने और आतंकी सोच
यह वीडियो न सिर्फ उमर की सोच को उजागर करता है
बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा सबूत भी बन गया है।
उमर जिस तरह आत्मघाती हमले को जायज ठहराता नज़र आता है
वह समाज में नकारात्मक सोच के फैलाव का संकेत देता है।
जांच एजेंसियों ने इस क्लिप को केस में अहम सुराग के तौर पर लिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स व समाचार चैनलों पर इस वीडियो के आने के बाद चर्चा और तेज़ हो गई है.
दिल्ली ब्लास्ट घटना: ताजा अपडेट
लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
एलएनजेपी अस्पताल में दो घायलों की मौत से मृतकों की संख्या बढ़ी है, जबकि कई लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं.
NIA और दिल्ली पुलिस ने इस धमाके के बाद कई संदिग्धों और मददगारों को हिरासत में लिया है।
CCTV फुटेज, संदिग्धों की कॉल डिटेल और उमर के वीडियो के ज़रिए पूरी साजिश समझने की कोशिश जारी है.
जांच एजेंसियों की कार्रवाई
इस वीडियो की पुष्टि के बाद एजेंसियां उमर के नेटवर्क को ढूंढ़ने में लगी हैं। जांच में यह भी पता चला है
कि उमर के कुछ करीबी भी इस प्लानिंग में शामिल थे। उसके परिवार के कई सदस्य जांच के घेरे में हैं
और कुछ को हिरासत में भी लिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, उमर इस वारदात के लिए नौगाम थाने में पहले भी अपनी साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर चुका था.
सोशल मीडिया और पब्लिक रिएक्शन
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो चुका है। लोग घटना की कड़ी निन्दा कर रहे हैं
और कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
देश की सुरक्षा के प्रति चिंता और आतंक के खिलाफ एकजुटता भी देखने को मिल रही है.
निष्कर्ष
डॉ. उमर का वीडियो ब्लास्ट केस में सिर्फ एक सबूत नहीं, बल्कि आतंक की मानसिकता का आईना है।
इससे स्पष्ट होता है कि ऐसे विचार न सिर्फ कानून के खिलाफ हैं, बल्कि समाज की शांति और मानवता के लिए भी खतरा हैं।
दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, और उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही सज़ा मिलेगी.





