भारत यूएस ट्रेड डील अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ने भारत-अमेरिका ट्रेड रिलेशंस को नई चुनौतियों से रूबरू करा दिया है। अगस्त 2025 में 50% टैरिफ लगाने के बाद अब एक बड़ा अपडेट आया है – ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि रूसी तेल खरीद कम करने पर टैरिफ घटाकर 15-16% किया जा सकता है। यह खबर द्विपक्षीय ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के फाइनल स्टेज में आने के साथ आई है। आइए, इस ब्लॉग में जानते हैं कि ट्रंप टैरिफ रिडक्शन का क्या मतलब है, भारत पर असर और आगे की राह।

ट्रंप टैरिफ: 50% से कैसे पहुंचे इस मुकाम पर?
ट्रंप प्रशासन ने भारत की रूसी तेल खरीद को अमेरिकी सैंक्शंस का उल्लंघन मानते हुए पहले 25% ‘रिकॉप्रोकल टैरिफ’ लगाया, जो अगस्त 2025 से प्रभावी हुआ। फिर, 27 अगस्त को अतिरिक्त 25% पेनल्टी जोड़कर कुल 50% टैरिफ कर दिया गया – यह दुनिया के किसी भी देश पर सबसे ऊंचा रेट है। इसका कारण? भारत का BRICS में रोल और रूस से सस्ता क्रूड ऑयल इंपोर्ट, जो यूक्रेन वॉर के बीच अमेरिका को चुभ रहा है।
भारत यूएस ट्रेड डील इस टैरिफ ने भारत के एक्सपोर्ट्स को जोरदार झटका दिया। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, मई-सितंबर 2025 में यूएस को एक्सपोर्ट्स 37.5% गिरकर $5.5 बिलियन रह गए। टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, गारमेंट्स, फुटवियर और इंडस्ट्रियल केमिकल्स जैसे सेक्टर्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां $50 बिलियन का सामान अब महंगा हो गया। मूडीज ने अनुमान लगाया कि भारत का GDP ग्रोथ 0.3% कम हो सकता है।
बड़ा अपडेट: टैरिफ घटाकर 15-16% – डील कब फाइनल?
नवंबर 2025 में एक पॉजिटिव टर्न आया। कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने कहा कि BTA का फर्स्ट ट्रेंच ‘नियर क्लोजर’ है, जो रेसिप्रोकल टैरिफ्स पर फोकस करेगा। ट्रंप ने हिन्ट दिया कि भारत रूसी ऑयल इंपोर्ट्स को आधा करने पर टैरिफ 15-16% तक कम हो सकता है। यह डील फॉल 2025 डेडलाइन पर आधारित है, जो पीएम मोदी की फरवरी 2025 वॉशिंगटन विजिट के बाद सेट हुई।
भारत ने रिस्पॉन्स में यूएस ऑयल और LPG इंपोर्ट्स बढ़ाए हैं
– नवंबर 2025 में 2.2 MTPA LPG कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ।
साथ ही, 200 प्रोडक्ट्स पर एग्रीकल्चरल एक्सेम्प्शन्स मिले,
जैसे कॉफी, टी, स्पाइसेस, फ्रूट्स – इससे $6.3 बिलियन के अक्टूबर 2025
एक्सपोर्ट्स में 8.6% ग्रोथ दिखी। हालांकि, स्मार्टफोन्स और फार्मा जैसे सेक्टर्स में 58% गिरावट बनी हुई है।
ट्रंप की चेतावनी भी साफ है: रूसी ऑयल बंद न करने पर
‘मैसिव टैरिफ्स’ जारी रहेंगे। लेकिन, डेमोक्रेट्स ने टैरिफ्स की आलोचना की, कहते हुए
कि यह यूएस-इंडिया रिलेशंस को सबोटाज करता है।
भारत पर इंपैक्ट: चैलेंजेस और ऑपर्च्युनिटीज
50% टैरिफ ने करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ा दिया – जुलाई-सितंबर 2025 क्वार्टर में एक्सपोर्ट्स हिट हुए।
टेक्सटाइल सेक्टर में 28% मार्केट शेयर यूएस का है, जहां ऑर्डर कैंसलेशन बढ़े। जेम्स एंड ज्वेलरी में $14 बिलियन का लॉस संभव।
लेकिन, मोदी सरकार ने रिस्पॉन्स में सेल्फ-रिलायंस पर जोर दिया। GST सिम्प्लिफिकेशन,
इनकम टैक्स कट्स और EU, 40 अन्य देशों से ट्रेड पुश। WTO कंसल्टेशंस और डाइवर्सिफिकेशन से भारत मैन्युफैक्चरिंग बूस्ट कर
रहा है। अगर टैरिफ 15% होता है, तो $86.5 बिलियन एक्सपोर्ट्स 2026 में $70 बिलियन रिकवर कर सकते हैं।
निष्कर्ष: ट्रेड वॉर से ट्रेड बूस्ट की ओर
ट्रंप टैरिफ रिडक्शन का यह अपडेट भारत के लिए राहत की किरण है।
50% से 15-16% तक कटौती BTA से संभव है, लेकिन रूसी ऑयल पर निर्भरता कम करनी होगी।
यह न सिर्फ इकोनॉमी को स्थिर करेगा, बल्कि इंडो-पैसिफिक में स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मजबूत करेगा।
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