सुधाकर सिंह सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन हो गया है। वे यूपी के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक थे। दो दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान निधन कर दिया।

#सुधाकर सिंह का निधन 19 नवंबर, 2025 को हो गया है। वे यूपी के मऊ जिले की घोसी
विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक थे
उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से खराब चल रहा था,
और उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था,
जहाँ इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
वे लंबे समय से बीमार थे और उनके निधन से क्षेत्र और राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
#सुधाकर सिंह ने 2023 के घोसी उपचुनाव में भाजपा के दारा सिंह चौहान को हराकर जीत हासिल की थी,
जिससे उनकी पहचान मजबूत हुई थी।
सुधाकर सिंह का राजनीतिक जीवन और उपचुनाव में जीत
सुधाकर सिंह का जन्म मऊ जिले में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक
जीवन की शुरुआत 1996 में नत्थूपुर विधानसभा सीट से की,
जहाँ वे पहली बार विधायक चुने गए। उसके बाद, समय-समय पर उन्होंने अपनी पार्टी और
विशेष रूप से घोसी क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई।
बता दें कि जब साल 2017 में चुनाव का वक्त आया,
तो सुधाकर सिंह को बीजेपी के फागू चौहान
ने हराया। फिर 2020 में जब घोसी सीट रिक्त हुई,
तो उन्होंने फिर से अपनी पार्टी का समर्थन प्राप्त किया और उपचुनाव मे जीत दर्ज की।
इस जीत ने समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में मजबूती प्रदान की।
2023 का उपचुनाव और बेहतर प्रदर्शन
सुधाकर सिंह ने 2023 के उपचुनाव में भाजपा के दारा सिंह चौहान को कड़ी टक्कर देते हुए जीत हासिल की।
इस चुनाव में उनकी जीत ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला खड़ा किया।
उन्होंने अपने क्षेत्र के किसानों और दलित समुदाय के बीच अपनी खास पहचान बनाई थी।
उनके निधन का प्रभाव और राजनीतिक स्थान
सुधाकर सिंह का निधन उनके समर्थकों, पार्टी सदस्यों और क्षेत्रवासियों के लिए भारी नुकसान है।
उनका निधन अब घोसी सीट के लिए नए उपचुनाव की संभावनाएँ बढ़ा देता है।
उनके समर्थक और नेता मौके की नज़ाकत को समझते हुए
नई राजनीतिक रणनीति बनाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।
निष्कर्ष:सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन, घोसी उपचुनाव में मंत्री दारा सिंह चौहान को हराया था
सुधाकर सिंह का जीवन संघर्ष और राजनीतिक जागरूकता का प्रतीक था।
उनका निधन उनके परिवार, पार्टी और क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है।
उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा,
और उनके कार्यकाल की यादें क्षेत्रवासियों के बीच जीवित रहेंगी।
इस दुखद खबर ने सभी को उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने पर मजबूर कर दिया है,
और उनके जीवन और राजनीतिक सफर को याद करने का अवसर प्रदान किया है।






