तेज प्रताप यादव महुआ सीट पर तेजस्वी यादव के प्रचार के बाद तेज प्रताप यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पार्टी से बड़ी जनता मालिक होती है।जानिए उन्होंने तेजस्वी को नाबिहार चुनाव 2025 में यादव परिवार की राजनीतिक जंग तेज हो गई है।दान क्यों कहा।
तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव, महुआ विधानसभा सीट, बिहार चुनाव 2025,

बिहार चुनाव 2025 की राजनीतिक हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राज्य की राजनीति में बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस बार चर्चा में हैं आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) के नेता तेज प्रताप यादव, जिन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को लेकर एक भावनात्मक और साथ ही राजनीतिक बयान दिया है। तेज प्रताप ने कहा – “मेरे छोटे नादान भाई तेजस्वी, पार्टी से बड़ी हमारी जनता मालिक है।”
यह बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक ओर इसे परिवारिक प्रेम का संकेत माना जा रहा है, वहीं विपक्ष इसे राजद में मतभेद की झलक के रूप में देख रहा है।
#तेज प्रताप यादव का बयान और उसका अर्थ
तेज प्रताप यादव ने यह बयान पटना में एक सभा को संबोधित करते हुए दिया, जहां उन्होंने जनता से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा कि राजनीति में सबसे ऊपर जनता होती है, और वही असली मालिक है।
तेज प्रताप ने तेजस्वी को “नादान भाई” कहकर संबोधित किया, जिससे यह जाहिर हुआ कि उनके और तेजस्वी के बीच मतभेद अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं, लेकिन वे पारिवारिक भावना और जनता के प्रति समर्पण को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस बयान से तेज प्रताप ने यह भी संकेत दिया कि वे पार्टी में केवल नेता नहीं बल्कि जनता के प्रतिनिधि के रूप में देखे जाना चाहते हैं। उनके इस बयान का राजनीतिक सन्देश साफ है — जनता की सेवा ही सबसे बड़ी राजनीति है।
राजद में भाई-भाई का समीकरण
तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव दोनों ही राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख चेहरे हैं। तेजस्वी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में आगे हैं, जबकि तेज प्रताप का रुझान जनता से सीधे जुड़ने और सामाजिक संदेश देने में अधिक देखा गया है।
पिछले कुछ वर्षों में दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक मतभेद की खबरें अक्सर आती रहीं, लेकिन हर बार लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने दोनों को एकजुट करने की कोशिश की है।
बिहार चुनाव 2025 में आरजेडी के सामने बड़ी चुनौती है — पार्टी को जनता में विश्वास दिलाना कि वह अब एकजुट है और विकासमुखी एजेंडे पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
जनता ही अंतिम फैसला करेगी
तेज प्रताप यादव के इस बयान ने एक बार फिर यह बात स्पष्ट की है कि बिहार की राजनीति में जनता ही असली निर्णायक है। चाहे पार्टी कितनी भी बड़ी क्यों न हो, जनता का समर्थन ही जीत और हार तय करता है।
तेज प्रताप के शब्दों में भावनात्मक अपील भी है और राजनीतिक संदेश भी — वह जनता को यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि वे सत्ता की राजनीति नहीं बल्कि जनता की राजनीति करते हैं।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तेज प्रताप समर्थक और तेजस्वी समर्थक दोनों तरफ से प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कई लोगों ने इसे “भाईचारे का प्रतीक” बताया, तो कुछ ने कहा कि “राजद में अंदरूनी खींचतान फिर सामने आ गई।”
बिहार चुनाव में क्या असर पड़ेगा?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद की भूमिका अहम मानी जा रही है। यदि पार्टी एकजुट रहती है, तो नीतीश कुमार और भाजपा गठबंधन को मजबूत चुनौती मिल सकती है।
परंतु यदि बयानबाजी और आंतरिक मतभेद जारी रहे, तो इसका नुकसान विपक्षी गठबंधन को हो सकता है।
तेज प्रताप यादव का यह बयान एक तरफ जनता के प्रति समर्पण का प्रतीक है, तो दूसरी तरफ राजनीतिक समीकरणों का एक नया संकेत भी देता है।
निष्कर्ष
तेज प्रताप यादव ने “जनता ही हमारी मालिक है” कहकर बिहार की राजनीति में एक अहम सन्देश दिया है। यह सिर्फ भाई के लिए भावनात्मक शब्द नहीं, बल्कि जनता के लिए विश्वास का प्रतीक है। बिहार चुनाव 2025 में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस संदेश को कैसे स्वीकार करती है और आरजेडी को कितना समर्थन देती है।





