Statue of Equality: संत रामानुजाचार्य और उनकी 216 फीट ऊंची मूर्ति के बारे में जानें सब कुछ
Statue of Equality: संत रामानुजाचार्य और उनकी 216 फीट ऊंची मूर्ति के बारे में जानें सब कुछ
Statue of Equality: स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित भगवान रामानुजाचार्य की भव्य प्रतिमा है। 216 फीट ऊँची यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊँची बैठी हुई धातु की मूर्तियों में से एक है। यह महान संत रामानुजाचार्य के समता, भक्ति और ज्ञान के संदेश को दर्शाती है। यह प्रतिमा भारतीय संस्कृति, वेदांत दर्शन और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक मानी जाती है।

Statue of Equality: का परिचय
स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी (Statue of Equality)
भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में स्थित एक भव्य स्मारक है,
जिसे महान संत भगवान श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में स्थापित किया गया है।
यह प्रतिमा समानता, समरसता और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी की विशेषताएँ
ऊँचाई: 216 फीट (66 मीटर)
स्थापना: 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया
निर्माण सामग्री: यह प्रतिमा पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और पीतल) से बनी है
स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना
मुख्य उद्देश्य: समाज में समानता और भक्ति की भावना को बढ़ावा देना
स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी का महत्व
यह प्रतिमा 11वीं सदी के महान संत और समाज सुधारक श्री रामानुजाचार्य को समर्पित है,
जिन्होंने जाति-पाति और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाई और भक्ति आंदोलन को बढ़ावा दिया। उ
नका संदेश सभी के लिए समानता, करुणा और धार्मिक सहिष्णुता पर आधारित था।
स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी में क्या देखें?
रामानुजाचार्य की विशाल प्रतिमा – पंचधातु से बनी यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊँची बैठी हुई संत की मूर्ति है।
108 दिव्यदेशम मंदिरों की प्रतिकृतियाँ – यहाँ भारत के 108 प्रमुख वैष्णव मंदिरों की प्रतिकृतियाँ बनाई गई हैं।
वेदपाठशाला और ध्यान केंद्र – यह स्थान आध्यात्मिक अध्ययन और योग-ध्यान के लिए उपयुक्त है।
म्यूजियम और गैलरी – श्री रामानुजाचार्य के जीवन और उनके उपदेशों पर आधारित डिजिटल डिस्प्ले और प्रदर्शनी।
कैसे पहुँचें?
निकटतम हवाई अड्डा: राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद
निकटतम रेलवे स्टेशन: हैदराबाद डेक्कन रेलवे स्टेशन
सड़क मार्ग: यह शहर के प्रमुख स्थानों से बस और टैक्सी सेवा द्वारा जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष
स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि समानता, आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। य
दि आप भारतीय इतिहास, भक्ति आंदोलन और अद्भुत वास्तुकला में रुचि रखते हैं, तो यह स्थान जरूर देखें।