Ranganathaswamy Temple: तमिलनाडु के श्रीरंगम में स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का इतिहास, भव्य वास्तुकला, प्रमुख त्योहार और यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानें। यह ब्लॉग आपको मंदिर की दिव्यता और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराएगा।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर: एक दिव्य यात्रा का अनुभव

अगर आप कभी दक्षिण भारत की यात्रा करने का सोच रहे हैं, तो तमिलनाडु के श्रीरंगम में स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर को अपनी सूची में जरूर शामिल करें। यह मंदिर न केवल अपनी भव्यता और ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक विरासत भी हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है।
मंदिर का महत्व और इतिहास
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर भगवान विष्णु के अवतार रंगनाथ को समर्पित है। यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर स्थित है और इसे भूलोक वैकुंठ यानी पृथ्वी पर भगवान विष्णु का धाम माना जाता है। यह द्रविड़ शैली में निर्मित है और भारत के सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 156 एकड़ है और इसकी परिधि 4 किमी है।
मंदिर का इतिहास भी बेहद समृद्ध है। कहा जाता है कि इसका निर्माण चोल शासक धर्मवर्मा ने कराया था, और समय-समय पर कई राजवंशों जैसे चोल, पांड्य, होयसला, मराठा और विजयनगर साम्राज्य ने इसमें योगदान दिया। मंदिर में 800 से अधिक शिलालेख हैं, जो दक्षिण भारत के समाज और संस्कृति की झलक दिखाते हैं।
वास्तुकला और संरचना
मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। इसमें सात संकेंद्रित दीवारें (प्राकार) और 21 भव्य गोपुरम (प्रवेश द्वार) हैं। सबसे ऊंचा राजगोपुरम 236 फीट (72 मीटर) का है, जो एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर टॉवर माना जाता है। मंदिर परिसर में 49 विष्णु मंदिर, 1000 स्तंभों वाला मंडप, सुंदर नक्काशीदार खंभे और कई छोटे-छोटे मंदिर हैं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
आध्यात्मिक अनुभव और त्यौहार
यह मंदिर वैष्णव परंपरा का प्रमुख केंद्र है और यहां साल भर अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। सबसे प्रसिद्ध त्यौहार ‘वैकुंठ एकादशी’ है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। यहां की परिक्रमा (प्रदक्षिणा) करते हुए सात प्राकारों से गुजरना भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव होता है।
कैसे पहुँचें और यात्रा की सलाह
श्रीरंगम मंदिर तमिलनाडु के त्रिची (तिरुचिरापल्ली) के पास स्थित है।
यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे
स्टेशन श्रीरंगम और तिरुचिरापल्ली जंक्शन हैं,
जबकि सबसे नजदीकी हवाई
अड्डा तिरुचिरापल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।
अक्टूबर से मार्च के बीच यहां का मौसम सबसे सुहावना रहता है,
इसलिए यही समय यात्रा के लिए उपयुक्त है।
कुछ खास बातें
- मंदिर परिसर में आपको पारंपरिक दुकानों, रेस्टोरेंट्स और रंग-बिरंगे बाजारों की रौनक भी देखने को मिलेगी।
- छत से मंदिर परिसर का विहंगम दृश्य देखने के लिए टिकट लेकर रूफ व्यूपॉइंट जरूर जाएं।
- मंदिर के भीतर कई ऐतिहासिक और कलात्मक स्थल जैसे वेणुगोपाल श्राइन, शेष मंडप और 1000-स्तंभ मंडप हैं, जिन्हें देखना न भूलें।
श्री Ranganathaswamy Temple केवल एक धार्मिक स्थल नहीं,
बल्कि भारतीय संस्कृति, कला और आस्था का जीवंत प्रतीक है।
यहां आकर एक अलग ही शांति और दिव्यता का अनुभव होता है,
जो जीवनभर याद रहता है।
अगर आप अध्यात्म, इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखते हैं,
तो यह मंदिर आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं।