Osho Garden: जानिए ओशो गार्डन पुणे की खासियत, यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, ध्यान और मेडिटेशन का अनुभव, घूमने का सही तरीका, इतिहास और जरूरी टिप्स। पढ़ें क्यों ओशो गार्डन शहर की भागदौड़ से दूर शांति और सुकून पाने के लिए एक परफेक्ट जगह है।
ओशो गार्डन, पुणे: शांति, प्रकृति और ध्यान का अद्भुत संगम

अगर आप शहर की भीड़-भाड़ और भागदौड़ से दूर कुछ पल शांति में बिताना चाहते हैं, तो पुणे का ओशो गार्डन (Osho Garden) आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। यह खूबसूरत गार्डन कोरेगांव पार्क इलाके में ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिजॉर्ट के पास स्थित है। यहाँ हरियाली, बहती हुई छोटी-छोटी नहरें, रंग-बिरंगे फूल और सुकून भरा माहौल आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास कराते हैं।
ओशो गार्डन की खासियत
प्राकृतिक सुंदरता:
ओशो गार्डन में घने पेड़, हरे-भरे लॉन, रंग-बिरंगे फूल और बहती नहरें हैं। यहाँ की हरियाली और शांत वातावरण मन को तुरंत सुकून देता है।
ध्यान और मेडिटेशन:
यह जगह मेडिटेशन और आत्मचिंतन के लिए आदर्श है। यहाँ आने वाले लोग अक्सर पेड़ों के नीचे बैठकर ध्यान करते हैं या किताब पढ़ते हैं।
फ्री एंट्री और ओपन टू ऑल:
ओशो गार्डन आम जनता के लिए खुला है और यहाँ कोई एंट्री फीस नहीं है। सुबह से शाम तक आप यहाँ कभी भी आ सकते हैं।
फोटोग्राफी और वॉक:
गार्डन की खूबसूरती फोटो खींचने वालों को भी खूब आकर्षित करती है। यहाँ वॉकिंग ट्रेल्स हैं, जहाँ आप सुकून से टहल सकते हैं।
ओशो गार्डन का इतिहास
ओशो गार्डन की शुरुआत 1994 में ओशो के अनुयायियों ने की थी। यह जगह पहले एक सूखा और बंजर इलाका थी, जिसे ओशो कम्यून के लोगों ने मिलकर हरा-भरा और खूबसूरत बना दिया। आज यह पुणे के सबसे सुंदर और शांत गार्डन्स में गिना जाता है।
यहाँ क्या करें?
ध्यान (Meditation):
शांत माहौल में ध्यान लगाएं और खुद को रिलैक्स करें।
पढ़ाई या किताबें:
पेड़ों के नीचे बैठकर किताब पढ़ना यहाँ का सबसे अच्छा अनुभव है।
वॉकिंग:
गार्डन की पगडंडियों पर टहलें और प्रकृति का आनंद लें।
फोटोग्राफी:
फूलों, नहरों और हरियाली के बीच खूबसूरत फोटो क्लिक करें।
दोस्तों या परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।
कैसे पहुँचें?
ओशो गार्डन, पुणे के कोरेगांव पार्क में स्थित है।
पुणे रेलवे स्टेशन से यहाँ की दूरी लगभग 4 किमी है।
आप टैक्सी, ऑटो या बस से आसानी से पहुँच सकते हैं।
कुछ जरूरी बातें
- गार्डन में शांति बनाए रखें और कचरा न फैलाएं।
- पौधों और फूलों को नुकसान न पहुँचाएँ।
- गार्डन में पालतू जानवर लाना मना है।
- ध्यान या योग करते समय दूसरों को डिस्टर्ब न करें।
ओशो गार्डन सिर्फ एक पार्क नहीं, बल्कि शांति, प्रकृति और
आत्मचिंतन का अद्भुत स्थान है।
यहाँ का वातावरण आपको रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर ले जाकर अंदरूनी सुकून देता है।
अगर आप पुणे जाएं, तो ओशो गार्डन में कुछ पल जरूर बिताएँ—
यह अनुभव आपको हमेशा याद रहेगा!