लखनवी चिकनकारी नवाबों की ऐसी धरोहर जो दुनिया को भी बना रही दीवाना विदेशी भी सीख रहे हुनर
लखनवी चिकनकारी नवाबों की ऐसी धरोहर जो दुनिया को भी बना रही दीवाना विदेशी भी सीख रहे हुनर
लखनवी चिकनकारी चिकनकारी, भारतीय फैशन और कला का एक प्रमुख हिस्सा है, जो खासकर उर्दू और फारसी कला के प्रभाव को दर्शाता है।
यह एक तरह की कढ़ाई है, जो ज्यादातर लखनऊ, उत्तर प्रदेश में देखने को मिलती है।
#चिकनकारी में सूती या सिल्क के कपड़ों पर हाथ से की जाने वाली कढ़ाई के जरिए खूबसूरत डिज़ाइन तैयार किए जाते हैं।

चिकनकारी की उत्पत्ति और इतिहास
चिकनकारी की शुरुआत 16वीं सदी में मुघल साम्राज्य के समय हुई थी।
माना जाता है कि मुघल सम्राट जहाँगीर के दरबार में फारसी कारीगरों ने इस कला को भारत में पेश किया।
लखनऊ, जो मुघल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, ने इसे अपनाया और उसे और बेहतर बनाया।
अब यह कला भारत में एक प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध हस्तशिल्प के रूप में उभरी है।
चिकनकारी के कई प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं
फूल बुटा: इस डिज़ाइन में छोटे-छोटे फूल और पत्तियां होते हैं, जो कपड़े पर कढ़ाई से उकेरे जाते हैं।
जूफी: यह डिज़ाइन बारीक कढ़ाई का एक रूप है, जिसमें उभरते हुए मोटे धागों का इस्तेमाल किया जाता है।
अल्मास: यह चिकनकारी का एक शाही रूप है, जिसमें बहुमूल्य कढ़ाई की जाती है।
बरीक चिकनकारी: इसमें बहुत ही सूक्ष्म और बारीक कढ़ाई की जाती है, जो वस्त्र को हल्का और आरामदायक बनाती है।
चिकनकारी के लाभ और आकर्षण
चिकनकारी के कपड़े न केवल सुंदर होते हैं बल्कि वे पहनने में भी आरामदायक होते हैं।
इन कपड़ों में आमतौर पर सूती या रेशमी कपड़ा इस्तेमाल किया जाता है, जो गर्मी के मौसम में खासतौर पर आरामदायक होते हैं।
इसके अलावा, चिकनकारी के कपड़े पर कढ़ाई का हर डिज़ाइन एक कला का अद्वितीय नमूना होता है, जो पहनने वाले को एक अलग ही अनुभव देता है।
चिकनकारी के कपड़े कहां मिलते है

लखनवी चिकनकारी
लखनऊ, दिल्ली, आगरा और कानपुर जैसे शहरों में चिकनकारी के कपड़े आसानी से मिल सकते हैं।
इसके अलावा, अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी चिकनकारी के कपड़े उपलब्ध हैं,
जो आपको घर बैठे आराम से खरीदने का मौका देते हैं।
चिकनकारी के कपड़े का उपयोग
चिकनकारी के कपड़े पारंपरिक पहनावे के रूप में तो इस्तेमाल होते ही हैं, लेकिन अब यह आधुनिक फैशन में भी अपनाए जा रहे हैं।
महिलाएं इसे सलवार-कुर्ता, साड़ी, टॉप्स और ड्रेस के रूप में पहनती हैं। इसके अलावा, पुरुषों के लिए भी
चिकनकारी की कुर्तियां और शर्ट्स उपलब्ध हैं, जो आधुनिक फैशन का हिस्सा बन चुके हैं।
#चिकनकारी के कपड़ों का रख-रखाव
चिकनकारी के कपड़ों का ध्यान रखना थोड़ा अलग होता है। इन्हें हाथ से धोना और धूप में सुखाना बेहतर होता है।
इन कपड़ों में बहुत ज्यादा जोर से रगड़ने से कढ़ाई खराब हो सकती है, इसलिए इन्हें हल्के से धोना चाहिए।
इसके अलावा, चिकनकारी वाले कपड़ों को प्रेस करते समय ध्यान रखें कि उष्मा ज्यादा न हो, ताकि कढ़ाई सुरक्षित रहे।
चिकनकारी, एक अद्भुत और ऐतिहासिक कला है, जो भारतीय फैशन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
इसके कपड़े न केवल भारतीय संस्कृति की धरोहर हैं, बल्कि पूरी दुनिया में इनकी पहचान बन चुकी है।
अगर आप भारतीय फैशन के शौक़ीन हैं, तो चिकनकारी के कपड़े जरूर अपनाएं और उसकी सुंदरता का आनंद लें।