Kumbhalgarh: कुंभलगढ़ किला राजस्थान का एक ऐतिहासिक किला है, जिसकी दीवारें 36 किमी लंबी हैं और इसे दुनिया की सबसे लंबी दीवारों में शामिल करती हैं। जानें कुंभलगढ़ किले का इतिहास, विशेषताएँ और रोचक तथ्य हिंदी में।
कुंभलगढ़: राजस्थान का अभेद्य किला, इतिहास, घूमने की जगहें और खासियतें

अगर आप राजस्थान की शान, उसकी वीरता और स्थापत्य कला को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो कुंभलगढ़ (Kumbhalgarh) का किला आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यह किला न सिर्फ अपनी विशाल दीवारों, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं, मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी मशहूर है। आइए जानते हैं कुंभलगढ़ के बारे में हर जरूरी बात, जिसे जानकर आपकी यात्रा और भी खास हो जाएगी।
कुंभलगढ़ का इतिहास और महत्व
- कुंभलगढ़ किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने कराया था।
- यह किला पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच स्थित है, जो आक्रमणों के समय मेवाड़ राजघराने के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल रहा है1।
- कुंभलगढ़ को जीतना लगभग असंभव था—इसकी दीवारें इतनी विशाल हैं कि इसे “भारत की ग्रेट वॉल” भी कहा जाता है। इसकी दीवार लगभग 36 किलोमीटर लंबी है, जो चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार है।
- यह किला महाराणा प्रताप की जन्मस्थली भी है, जो मेवाड़ के सबसे प्रसिद्ध और वीर शासकों में गिने जाते हैं।
कुंभलगढ़ से जुड़ी रोचक किंवदंतियां
- किले के निर्माण के दौरान कई बाधाएं आईं। एक कथा के अनुसार, एक ऋषि (मेहर बाबा) के स्वैच्छिक बलिदान के बाद ही किले का निर्माण पूरा हो सका। आज भी भैरों पोल के पास उनका स्मारक है, जहां लोग पूजा करते हैं।
- कहा जाता है कि किले की दीवारें इतनी मजबूत हैं कि दुश्मन की तोपों के गोलों का भी उन पर खास असर नहीं हुआ
घूमने लायक प्रमुख स्थल
1. कुंभलगढ़ किला
- सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है3।
- एंट्री फीस: भारतीयों के लिए ₹40 और विदेशियों के लिए ₹600 है3।
- किले के अंदर घूमने में करीब 1.5 घंटे लग सकते हैं।
- किले की ऊंचाई से आसपास की पहाड़ियों और सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है।
2. बादल महल
- किले के सबसे ऊंचे हिस्से में स्थित, जहां से बादलों के बीच महल का अनुभव मिलता है।
- जनाना और मर्दाना महल, दोनों की वास्तुकला शानदार है।
3. नीलकंठ महादेव मंदिर
- भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अपने 26 नक्काशीदार पत्थर के स्तंभों और विशाल शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है।
4. मम्मादेव मंदिर और अन्य मंदिर
- किले परिसर में 360 से अधिक हिंदू और जैन मंदिर हैं, जिनमें बावन देवरी, वेदी मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर आदि शामिल हैं।
5. कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- किले के आसपास फैला यह अभयारण्य ट्रैकिंग, जंगल सफारी और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
कुंभलगढ़ का सूर्यास्त और प्राकृतिक सौंदर्य
- किले की दीवारों पर बैठकर सूर्यास्त देखना एक अविस्मरणीय अनुभव है।
- पहाड़ियों, जंगलों और ऐतिहासिक इमारतों के बीच घूमना फोटोग्राफी और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग जैसा है।
कैसे पहुंचें और अन्य जानकारी
- कुंभलगढ़ किला उदयपुर से लगभग 81 किमी दूर है और कार या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- किले में घूमने के लिए गाइड लेना अच्छा विकल्प है, ताकि आप हर इमारत और उसके इतिहास को अच्छे से समझ सकें।
- किले के आसपास होटल्स और रिसॉर्ट्स भी उपलब्ध हैं, जहां ठहरकर आप इस ऐतिहासिक स्थल का पूरा आनंद ले सकते हैं।
कुंभलगढ़ सिर्फ एक किला नहीं, बल्कि राजस्थान की वीरता,
संस्कृति और स्थापत्य कला का जीता-जागता उदाहरण है।
इसकी विशाल दीवारें, मंदिर, महल और प्राकृतिक सौंदर्य हर
पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
अगर आप इतिहास, रोमांच और प्रकृति का संगम एक ही जगह देखना चाहते हैं,
तो Kumbhalgarh जरूर जाएं—
यह यात्रा आपके जीवन की यादगार यात्राओं में से एक होगी।