पृथ्वी का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात को सोने के लिए आते हैं महादेव
पृथ्वी का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात को सोने के लिए आते हैं महादेव
Omkareshwar: ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में नर्मदा नदी के किनारे स्थित एक प्रमुख तीर्थस्थल है,
जहाँ भगवान शिव का ओंकार ज्योतिर्लिंग विराजमान है।
यह स्थल अपने अद्वितीय द्वीपाकार आकार और धार्मिक महत्व के कारण विश्व प्रसिद्ध है।
ओंकारेश्वर द्वीप को ओम (ॐ) के आकार में देखा जा सकता है, जो इसकी धार्मिकता को और भी बढ़ाता है।
इस लेख में हम ओंकारेश्वर के धार्मिक महत्व, प्रमुख मंदिरों, यात्रा से जुड़ी जानकारियों और दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

ओंकारेश्वर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
(i) बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक
ज्योतिर्लिंग: ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है,
जो उन्हें विश्वनाथ और महाकालेश्वर जैसे अन्य ज्योतिर्लिंगों के समान पूजनीय बनाता है।
मामलेश्वर ज्योतिर्लिंग: यहाँ एक और शिवलिंग है जिसे मामलेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। दोनों की पूजा समान रूप से की जाती है।
(ii) धार्मिक कथाएँ और पौराणिक महत्व
मंदार पर्वत कथा: मान्यता है कि यहाँ भगवान शिव ने असुरों का नाश कर देवताओं को अभयदान दिया था।
अद्वैत वेदांत और शंकराचार्य: ओंकारेश्वर का संबंध आदि शंकराचार्य से भी है, जिन्होंने यहाँ गोविंद भगवत्पाद से शिक्षा ग्रहण की थी।
ओंकारेश्वर मंदिर की विशेषताएँ
(i) वास्तुकला और संरचना
नागर शैली: ओंकारेश्वर मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में बनी है, जो पत्थरों की नक्काशी और शिखर की भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
स्वर्ण कलश: मंदिर के शिखर पर सोने का कलश स्थापित है, जो इसे और भव्य बनाता है।
शिवलिंग: गर्भगृह में स्थित शिवलिंग स्वयंभू और अद्वितीय आकार का है।
(ii) पुल और नर्मदा का संगम
झूला पुल: नर्मदा नदी पर बने झूला पुल से भक्त आसानी से ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
नौका विहार: नर्मदा में नौका विहार करते हुए मंदिर तक जाना एक अद्भुत अनुभव है।
प्रमुख आकर्षण और मंदिर
(i) मामलेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर के पास स्थित मामलेश्वर मंदिर भी अत्यधिक पूजनीय है और इसे अद्वितीय ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
यहाँ शिवरात्रि और सावन के महीने में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
(ii) सिद्धनाथ मंदिर
यह मंदिर अपनी पत्थरों की नक्काशी और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ ध्यान और योग की परंपरा भी है।
(iii) अन्नपूर्णा मंदिर और गौरी-सोमनाथ मंदिर
अन्नपूर्णा मंदिर: माँ अन्नपूर्णा को समर्पित यह मंदिर भक्तों को प्रसाद वितरण के लिए प्रसिद्ध है।
गौरी-सोमनाथ मंदिर: यहाँ विशाल शिवलिंग स्थापित है और इसे देखना एक विशेष अनुभव है।
ओंकारेश्वर यात्रा मार्गदर्शिका
(i) ओंकारेश्वर कैसे पहुँचें?
सड़क मार्ग: इंदौर से लगभग 77 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ से बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन मोरटक्का और खंडवा हैं, जहाँ से ऑटो और बस सेवाएँ मिलती हैं।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदौर हवाई अड्डा है, जो लगभग 80 किमी दूर है।
(ii) यात्रा का सही समय:
अक्टूबर से मार्च: इस दौरान मौसम सुखद रहता है और भक्तों की भीड़ कम होती है।
शिवरात्रि और सावन: इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और मेला लगता है।
करने योग्य चीजें और धार्मिक अनुष्ठान
(i) अभिषेक और रुद्राभिषेक
श्रद्धालु जल, दूध, और बिल्वपत्र से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
रुद्राभिषेक: विशेष पूजा जिसमें वैदिक मंत्रों का उच्चारण और अभिषेक किया जाता है।
(ii) नर्मदा परिक्रमा
Omkareshwar से शुरू होकर यह परिक्रमा 2600 किमी की होती है और इसे पूर्ण करना अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है।
नौका विहार: नर्मदा नदी में बोटिंग करते हुए परिक्रमा का अनुभव ले सकते हैं।
(iii) ध्यान और साधना
नर्मदा किनारे बने आश्रमों और मंदिरों में ध्यान और योग की व्यवस्था है।
सिद्धनाथ मंदिर और गुफाओं में साधु-संतों का वास और प्रवचन होते हैं।
Omkareshwar के पास घूमने की जगहें
(i) महेश्वर:
नर्मदा के किनारे स्थित यह स्थल अपनी रानी अहिल्याबाई होलकर और महेश्वरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
(ii) मांडू:
यहाँ के किले, जहाज़ महल और रानी रूपमती महल इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करते हैं।
(iii) उज्जैन:
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और काल भैरव मंदिर के लिए प्रसिद्ध यह तीर्थ स्थल ओंकारेश्वर से नजदीक है।
यात्रा सुझाव और सावधानियाँ
- आरती और दर्शन: सुबह और शाम की आरती के समय दर्शन का लाभ उठाएँ।
- पवित्रता: मंदिर परिसर और नर्मदा नदी को स्वच्छ रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।
- सामान का ध्यान: भीड़भाड़ के समय अपने सामान का विशेष ध्यान रखें।
- स्थानीय व्यंजन: महेश्वरी साड़ी के साथ-साथ ओंकारेश्वर के स्थानीय भोजन का भी आनंद लें।
ओंकारेश्वर न केवल एक ज्योतिर्लिंग स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिकता, भक्ति और प्राकृतिक सुंदरता का संगम भी है।
यहाँ की नर्मदा आरती, शिवलिंग का दिव्य स्वरूप और शांति से भरा वातावरण हर भक्त के मन को प्रसन्न कर देता है।
अगर आप भगवान शिव के परम भक्त हैं, तो ओंकारेश्वर की यात्रा एक अनमोल अनुभव होगी।