अग्निवीर कार्यकाल विस्तार : अग्निवीर योजना में बड़ा बदलाव संभव है, जिसमें कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर 6 या 8 साल करने के तीन प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। जल्द ही इस पर अंतिम फैसला हो सकता है।

#अग्निवीर योजना में बड़ा बदलाव संभव! अब 4 की जगह 6 या 8 साल का होगा कार्यकाल, तैयार हुए 3 बड़े प्रस्ताव
भारत सरकार की अग्निवीर योजना (Agniveer Yojana) को लेकर एक बार फिर बड़ा बदलाव चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने इस योजना के कार्यकाल को लेकर नए प्रस्ताव तैयार किए हैं। अब तक अग्निवीर भर्ती का कार्यकाल 4 साल तय था, लेकिन जल्द ही यह 6 या 8 साल तक बढ़ाया जा सकता है। सेना, नौसेना और वायुसेना से मिले सुझावों के आधार पर तीन अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, जिन पर उच्च स्तरीय बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा।
क्या है अग्निवीर योजना?
अग्निवीर योजना को 2022 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत की सेनाओं में युवाओं को अल्पकालिक सेवा अवधि के तहत भर्ती करना है।
- इस योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को शामिल किया जाता है।
- इन युवाओं को चार साल की सेवा के लिए नियुक्त किया जाता है।
- चार साल बाद 25% अग्निवीरों को स्थायी रूप से सेना में रखा जाता है, जबकि बाकी को सेवा निधि और कौशल प्रमाणपत्र देकर विदा किया जाता है।
यह योजना देश की सुरक्षा और युवा रोजगार दोनों पर असर डालती है, इसलिए इसका हर बदलाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
नए प्रस्ताव में क्या है खास?
रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने तीन संभावित मॉडल तैयार किए हैं –
- पहला प्रस्ताव: कार्यकाल को 4 से बढ़ाकर 6 साल किया जाए।
- दूसरा प्रस्ताव: कुछ चयनित पदों पर कार्यकाल को 8 साल तक बढ़ाने की अनुमति दी जाए।
- तीसरा प्रस्ताव: हाइब्रिड मॉडल, जिसमें निचले पदों पर 4 साल और उच्च कौशल वाले पदों पर 6 या 8 साल की सेवा अवधि रखी जाए।
इन प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च को यथासंभव उपयोगी बनाना और अनुभवी जवानों के कौशल का अधिक समय तक लाभ उठाना है।
क्यों आवश्यक है यह बदलाव?
- अनुभव में बढ़ोतरी: केवल चार साल की अवधि में सैनिकों को पूरी ऑपरेशनल ट्रेनिंग और अनुभव देना चुनौतीपूर्ण रहा है।
- सुरक्षा दक्षता: लंबे कार्यकाल से जवानों की स्थिरता बढ़ेगी और इकाइयों में समन्वय अधिक मजबूत होगा।
- युवा रोजगार संतुलन: बढ़े हुए कार्यकाल के बावजूद, हर बैच में भर्ती नियमित बनी रहेगी जिससे युवाओं के लिए अवसर खुले रहेंगे।
- सेवा निधि में सुधार: कार्यकाल बढ़ने से अग्निवीरों की सैलरी और निधि दोनों में वृद्धि संभव होगी।
क्या बोले अधिकारी और जानकार?
सैन्य सूत्रों के अनुसार, मौजूदा मॉडल में 4 साल की अवधि के कारण
प्रशिक्षित जवानों की निरंतरता एक चुनौती है।
वहीं आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि से योजना की स्थिरता
और सेना के मनोबल में भी वृद्धि होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “नए प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है क्योंकि इसमें प्रशिक्षण लागत,
जवानों का अनुभव और राष्ट्रीय सुरक्षा सभी पहलू जुड़े हैं।”
युवाओं के लिए इसका क्या मतलब?
यदि नया बदलाव लागू होता है तो
- चयनित उम्मीदवारों के लिए सेवा की अवधि बढ़ेगी, जिससे वे अधिक अनुभव और आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करेंगे।
- सर्विस एंड स्किल सर्टिफिकेट के साथ उन्हें भविष्य में सरकारी या निजी क्षेत्र में बेहतर मौके मिलेंगे।
- सेवा निधि का लाभ पहले से अधिक होगा, क्योंकि लंबी अवधि में वेतन और योगदान दोनों बढ़ेंगे।
यही वजह है कि बहुत से युवा इस बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
निष्कर्ष
अग्निवीर योजना में संभावित बदलाव भारत की रक्षा संरचना में दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं।
अगर 4 साल की जगह 6 या 8 साल का कार्यकाल लागू होता है,
तो यह न केवल सेना की मजबूती बढ़ाएगा,
बल्कि युवाओं को बेहतर आर्थिक और पेशेवर स्थिरता भी देगा।
अब गौर करने वाली बात यह होगी कि रक्षा मंत्रालय किस प्रस्ताव
को मंजूरी देता है और कब इसे लागू किया जाता है।



