G20 सम्मेलन अमेरिका प्रतिक्रिया : G-20 सम्मेलन से अमेरिका ने दूरी बना ली है। राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के रुख पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए तनाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं।

ट्रंप का फैसला और उसका राजनीतिक संकेत
राष्ट्रपति ट्रंप का यह कदम उनके “अमेरिका फर्स्ट” दृष्टिकोण का हिस्सा माना जा रहा है। बीते कुछ महीनों में अमेरिका ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों से दूरी बनाई है, जिनमें जलवायु समझौते और व्यापारिक वार्ताएँ शामिल हैं। ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका पर आरोप लगाया है कि उसका हालिया नीति रुख अमेरिकी हितों के विपरीत है।
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका ने कुछ मुद्दों पर चीन और रूस की ओर झुकाव दिखाया है, जिससे अमेरिकी प्रभाव पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे माहौल में G-20 सम्मेलन का बहिष्कार यह संकेत देता है कि अमेरिका अब अपनी विदेश नीति को पुनर्संरचना के दौर से गुजार रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ और समर्थन
अमेरिका के इस निर्णय पर दुनिया दो हिस्सों में बंटती दिख रही है। जहां कुछ देश इसे अमेरिका का सशक्त राजनीतिक संकेत मान रहे हैं, वहीं दूसरे इसे सहयोग और साझेदारी के लिए खतरा बता रहे हैं। यूरोपीय देशों ने ट्रंप के इस रुख पर निराशा जताई है और कहा कि वैश्विक चुनौतियों—जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा—के समाधान के लिए एकजुटता की जरूरत है, न कि अलगाव की।
दक्षिण अफ्रीका ने भी इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उसके कदम अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हैं और वह किसी दबाव में नीति नहीं बदलेगा।
G-20 के लिए क्या मायने रखता है ये फैसला
अमेरिका की गैरमौजूदगी G-20 सम्मेलन की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा कर सकती है। यह मंच हमेशा से अमेरिका जैसे बड़े खिलाड़ी की भागीदारी से संचालित होता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बहिष्कार से वैश्विक मुद्दों पर संतुलित नीति निर्माण कठिन हो सकता है।
साथ ही यह स्थिति उन देशों के लिए अवसर भी खोल सकती है जो आर्थिक और राजनीतिक रूप से उभरना चाहते हैं। चीन और भारत जैसे देश इस मौके का फायदा उठाकर अपने नेतृत्व की भूमिका को और मजबूत कर सकते हैं।
ट्रंप की रणनीति और 2025 की राजनीतिक पृष्ठभूमि
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल पहले से ही कई चुनौतीपूर्ण मोर्चों से घिरा हुआ है। घरेलू राजनीति में विपक्ष लगातार उनकी विदेश नीति की आलोचना कर रहा है। इस फैसले को कुछ विश्लेषक उनके राजनीतिक आधार को मजबूत करने की रणनीति से जोड़ते हैं। “कड़ा रुख” अपनाकर ट्रंप यह संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकेगा नहीं और अपने हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
दक्षिण अफ्रीका पर भड़के ट्रंप – असली कारण क्या?
ट्रंप की नाराजगी की जड़ हाल ही में दक्षिण
अफ्रीका द्वारा संयुक्त राष्ट्र
में लिए गए निर्णयों से जुड़ी है,
जिनमें कुछ प्रस्ताव अमेरिका के विरोध में गए थे।
इसके अलावा, अफ्रीका में चीनी निवेश के
बढ़ते प्रभाव को लेकर भी वॉशिंगटन में चिंता गहराई है।
ट्रंप प्रशासन इसे अमेरिकी
आर्थिक हितों के लिए खतरा मानता है।
निष्कर्ष
अमेरिका का G-20 सम्मेलन से
किनारा करना और दक्षिण अफ्रीका
के खिलाफ सख्त बयानबाजी केवल
तात्कालिक राजनीतिक निर्णय नहीं है।
यह एक व्यापक कूटनीतिक
रणनीति का हिस्सा है जो आने वाले
समय में वैश्विक शक्ति समीकरणों
को प्रभावित कर सकती है।
दुनिया अब देख रही है कि अमेरिका
इस रुख को कितने समय तक कायम रखता है
और इसके जवाब में अन्य
देश किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं।




