फॉरेक्स ट्रेडिंग फ्रॉड दिल्ली पुलिस ने दुबई से संचालित इंटरस्टेट फॉरेक्स ट्रेडिंग फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया जिसमें फर्जी कंपनियां, म्यूल अकाउंट्स और बैंक मैनेजर की मिलीभगत शामिल है। साइबर क्रिमिनलों ने सोशल मीडिया के जरिए लाखों रुपए की ठगी की, तीन प्रमुख आरोपी गिरफ्तार।

फर्जी कंपनियों और म्यूल अकाउंट्स का खेल
यह गिरोह सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी कंपनियों के प्रचार-प्रसार के जरिए निवेशकों को फॉरेक्स
ट्रेडिंग में भारी मुनाफा दिलाने का झांसा देता था। लेकिन असलियत में यह सब केवल एक धोखा था।
इन फर्जी कंपनियों के बैंक खाते म्यूल अकाउंट होते थे, जिनका प्रयोग धोखाधड़ी में किया जाता था।
म्यूल अकाउंट्स वे खाते होते हैं जिनका संचालन सामान्य लोग या असली खाताधारक करते हैं,
लेकिन उनका इस्तेमाल अपराधी अवैध ट्रांजैक्शन के लिए करते हैं।
बैंक मैनेजर की मिलीभगत
दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि एक प्रमुख प्राइवेट बैंक का सेल्स मैनेजर
भी इस गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा था।
वह खातों की नज़रबंदी और ट्रांजैक्शन में मदद करता था, जिससे फ्रॉड को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सका।
इसे लेकर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस मैनेजर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
लाखों रुपए की ठगी
इस गिरोह ने म्यूल अकाउंट और फॉरेक्स डैशबोर्ड के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी की है।
यह मामला साइबर क्राइम सेल को लाखों रुपए के मुद्रा घोटाले की तरफ ले जाता है।
ये निवेशकों को ऑनलाइन बहुत बड़े रिटर्न का लालच देकर फंसा लेते थे और फिर उनके पैसों का गबन करते थे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस सिंडिकेट की कारगुजारियों का भंडाफाश करते हुए कई जगहों पर छापेमारी की।
आरोपी गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ जारी है और बैंक खातों की जांच भी की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी और अन्य संदिग्धों की तलाश भी की जा रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग का तार भी जुड़ा
जांच के दौरान यह भी पता चला है कि यह गिरोह पैसे को कई फर्जी कंपनियों के नाम पर अलग-अलग खातों में स्थानांतरित करता था,
जिससे उसकी असली धनराशि का पता नहीं चलता था।
इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत भी मिले हैं, जो अपराधों की गंभीरता को बढ़ाते हैं।
निवेशकों के लिए सावधानी
यह घटना निवेशकों के लिए एक चेतावनी है कि वे फॉरेक्स ट्रेडिंग जैसे उच्च लाभ के वादे करने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से
सावधान रहें। किसी भी निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल, कंपनी की वैधता और कानूनी विवरण जरूर देखें।
निष्कर्ष
दिल्ली में इंटरस्टेट फॉरेक्स ट्रेडिंग फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफाश बताता है कि आधुनिक तकनीक के साथ-साथ धोखाधड़ी के नए तरीके
भी तेजी से विकसित हो रहे हैं। कानून-व्यवस्था की कड़ी नजर और त्वरित कार्रवाई से ही इस प्रकार के
आर्थिक अपराधों को रोका जा सकता है। नागरिकों को भी जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है
ताकि वे इस तरह की ठगी से बच सकें।



