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मरीज बनकर डॉक्टर को किया कॉल, UPI QR कोड मांगकर लगाया 2.5 लाख रुपये का साइबर ठग

On: November 13, 2025 5:56 AM
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UPI QR कोड धोखाधड़ी : उत्तर प्रदेश में एक डॉक्टर को मरीज बनकर कॉल कर UPI QR कोड मांगकर 2.5 लाख रुपये का साइबर ठग बनाया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर ठगों से सावधान रहने के लिए UPI कोड और OTP साझा न करने की सलाह दी गई है।

मरीज बनकर डॉक्टर को किया कॉल, UPI QR कोड मांगकर लगाया 2.5 लाख रुपये का साइबर ठग

उत्तर प्रदेश से साइबर ठगी का एक नया और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को विशेष तौर पर निशाना बनाया। डॉक्टर जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के साथ करीब 2.5 लाख रुपये की ठगी हुई, जो कि यूपी के शाहपुर इलाके में रहते हैं। यह मामला साइबर अपराध का एक नया रूप है, जिसमें धोखेबाजों ने मरीज बनकर डॉक्टर को कॉल किया और फिर巧 तरीके से उसे फंसा लिया।

घटना की शुरुआत

8 सितंबर को अनजान नंबर से डॉक्टर जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव को फोन आया।

कॉल करने वाले ने खुद को मरीज बताया और सलाह मांगने लगा। डॉक्टर ने फोन पर ही मदद दी।

इसके बाद फेक मरीज ने डॉक्टर को धन्यवाद कहा और UPI के जरिए पेमेंट करने के लिए कहा। इसी दौरान फर्जी व्यक्ति ने QR कोड

मांगा, जिसे डॉक्टर ने WhatsApp पर भेज दिया।

UPI QR कोड धोखाधड़ी साइबर ठगी की पूरी चाल

प्राप्त QR कोड का उपयोग कर ठगों ने डॉक्टर के पंजाब नेशनल बैंक अकाउंट से राशि ट्रांसफर कर ली,

जिसकी कुल रकम 2,48,687 रुपये थी। ठगी की जानकारी होने पर डॉक्टर ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस जांच के दौरान आरोपियों की पहचान प्रमील कुलार और एसके रावत के रूप में हुई।

पुलिस ने बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया है और ट्रांजैक्शन्स को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।

साइबर ठगों से बचाव के टिप्स

  • कभी भी अपने UPI QR कोड और OTP को किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें।
  • अगर कोई ऐप पर पेमेंट रिक्वेस्ट भेजता है तो उसे सावधानी से स्वीकार करें या अस्वीकार करें।
  • अनजान नंबर से आए कॉल या लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • किसी भी अनजान लिंक से मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करने से बचें, क्योंकि इससे आपके बैंक और निजी डाटा चोरी हो सकते हैं।

बढ़ती साइबर ठगी की समस्या

साइबर ठग लगातार नए-नए तरीके अपना रहे हैं जिससे सामान्य लोग बेहद आसानी से ठगी का शिकार हो रहे हैं।

डॉक्टर और अन्य पेशेवर जो आमतौर पर लोगों की मदद करते हैं, उन्हें विशेष सतर्कता रखने की जरूरत है,

क्योंकि ये लोग भी ठगों के निशाने पर हैं।

पुलिस और कानून की भूमिका

पुलिस साइबर ठगी के ऐसे मामलों की जांच और रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

सभी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्टिंग साइबर क्राइम थानों में की जानी चाहिए,

ताकि अपराधियों को जल्दी से पकड़ा जा सके।

निष्कर्ष

यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि डिजिटल लेन-देन करते समय अत्यधिक सावधानी बरती जाए।

मरीज बनकर धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों से बचने के लिए हमेशा सचेत रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित

अधिकारियों को दें। साथ ही, डिजिटल सुरक्षा की समझ को बढ़ाने और जागरूकता फैलाने की जरूरत है,

ताकि इस तरह की ठगी से बचा जा सके।

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