बिहार चुनाव 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार 64.69% रिकॉर्ड मतदान हुआ, जिसमें मुजफ्फरपुर शीर्ष स्थान पर रहा। डिप्टी CM के काफिले पर हुए हमले की घटना ने चुनावी माहौल को सुर्खियों में ला दिया। जानें चुनाव के प्रमुख तथ्य, वोटिंग प्रतिशत, और राजनीतिक घटनाक्रम।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। इस चरण में पहली बार रिकॉर्ड 64.69% मतदान दर हासिल की गई, जो पिछले कई दशकों में बिहार के उच्चतम मतदान प्रतिशतों में से एक है। 6 नवंबर 2025 को संपन्न हुए इस चरण में कुल 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें मुजफ्फरपुर जिले ने सबसे अधिक मतदान प्रतिशत के साथ टॉप किया। इसके अलावा, इस चुनावी दौर में डिप्टी मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले की घटना ने राजनीतिक चर्चा को और भी तेज कर दिया।
मतदान का रिकॉर्ड और चुनावी जागरूकता
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में इतनी भारी मतदान दर ने साफ कर दिया है
कि राज्य की जनता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बेहद सक्रिय है।
7.2 करोड़ से अधिक मतदाताओं वाले इस राज्य में करीब 64.69% मतदान ने यह दिखाया कि मतदाता अपने
अधिकार का बेहतर उपयोग कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है
कि इसका प्रमुख कारण लोगों में राजनीतिक जागरूकता बढ़ना और सत्ता के प्रति जनता की संवेदनशीलता है।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मतदाताओं ने बड़ी उत्साह के साथ वोटिंग की, जो लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
चुनावी मुकाबला और राजनीतिक माहौल
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसमें बीजेपी और
जनता दल (यूनाइटेड) शामिल हैं, और महागठबंधन, जिसमें राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियाँ शामिल हैं, के बीच है
इसके अलावा, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी इस बार चुनावी मैदान में आई है
, जिसने चुनाव को और भी रोचक और प्रतिस्पर्धात्मक बना दिया है।
इस चुनाव में 1314 उम्मीदवार शामिल थे, जिनमें कई वर्तमान मंत्री और राजनीतिक दिग्गज भी थे।
डिप्टी CM के काफिले पर हमला
चुनाव के दौरान डिप्टी सीएम के काफिले पर हमला एक ऐसी घटना थी
जिसने चुनावी माहौल को कड़ा कर दिया। यह हमला चुनाव प्रक्रिया और सुरक्षा की चुनौतियों को उजागर करता है।
हालांकि, प्रशासन ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया और सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई।
इस घटना ने चुनाव में खतरों के बावजूद जनता की भागीदारी की महत्ता को और रेखांकित किया।
चुनाव प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने इस चुनाव में कड़ी सुरक्षा इंतजाम किए थे।
विभिन्न जगहों पर सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ मतदान केंद्रों पर निगरानी और व्यवस्था को पूरी तरह
सुरक्षित बनाया गया। इसके अलावा, तकनीकी पहल जैसे लाइव वेबकास्टिंग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों
(EVM) का इस्तेमाल चुनाव के पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए किया गया।
मतदाता अपने वोट के अधिकार को सुरक्षित महसूस कर सकें, इसके लिए हर संभव प्रयास किया गया।
मतदाता विवरण और पहली बार वोट डालने वाले
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग 14 लाख पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाता भी शामिल थे, जो चुनाव को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। साथ ही, महिला मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों की संख्या भी चुनावी प्रक्रिया में उल्लेखनीय रही। मतदाता सूची में लगभग 7.2 करोड़ नामों के साथ, भारतीय लोकतंत्र का यह सबसे बड़ा आयोजन बिहार में शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।
चुनाव का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का यह पहला चरण न केवल मतदान के आंकड़ों के लिहाज से बल्कि राजनीति के बदलते स्वरूप और जनता की भागीदारी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह चुनावी दौर बिहार के भविष्य के राजनीतिक परिदृश्य की दिशा निर्धारित करेगा। खासकर युवा वर्ग और पहली बार मतदान करने वाले इसे एक नए बदलाव के रूप में देख रहे हैं। राजनीतिक दलों की योजनाएं, जनादेश के अनुसार सत्ता में परिवर्तन की संभावना को लेकर कड़ी जंग चल रही है।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले चरण का मतदान एक इतिहास रचने वाली घटना है, जिसमें जनता ने अपने मताधिकार का जोरदार प्रयोग किया। मुजफ्फरपुर जिले ने रिकॉर्ड मतदान के साथ अपनी खास पहचान बनाई। डिप्टी सीएम काफिले पर हमला चुनावी सुरक्षा और चुनौती को भी सामने लाया। इस चुनाव से यह साफ हो गया है कि बिहार की जनता अब राजनीतिक बदलाव के लिए जितनी जागरूक है, उतना ही चुनी हुई सरकार से उम्मीद भी रखती है।
इस प्रकार, बिहार चुनाव 2025 लोकतंत्र की मजबूती और राजनीतिक भागीदारी का एक शानदार उदाहरण बनकर उभरा है, जिसका असर आने वाले वर्षों में राज्य और देश दोनों की राजनीति पर स्पष्ट रूप से देखा जाएगा।





