कोयंबटूर गैंगरेप केस एयरपोर् के पास हुए दिल दहला देने वाले गैंगरेप केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली। एनकाउंटर के बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार, इलाके में फैली सनसनी जानिए पूरी घटना की चौंकाने वाली डिटेल्स।

घटना की पूरी कहानी
रविवार रात करीब 10.30 बजे, कोयंबटूर एयरपोर्ट के पीछे
के इलाके में छात्रा अपने दोस्त के साथ एक कार में थी।
तभी तीन युवक वहां मोटरबाइक पर आए, कार का शीशा तोड़ा और हथियारों से उसके दोस्त पर हमला किया।
वे लड़की को धमकाकर बाइक पर लेकर भागे और लगभग एक किलोमीटर दूर सुनसान
जगह ले गए, जहां उन्होंने उसके साथकई बार बलात्कार किया।
इसी बीच घायल युवक ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने तुरंत
सर्च ऑपरेशन शुरू किया और सुबह 4 बजे लड़की
को बेहाल हालत में ढूंढ निकाला। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया,
जबकि उसका दोस्त भी इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा।
आरोपियों की गिरफ्तारी
- पुलिस ने इस मामले को सुलझाने में तेजी दिखाई। इलाके के सीसीटीवी फुटेज, चोरी की
- मोटरबाइक और स्थानीय मुखबिरों की मदद से शाम
- तक तीन आरोपियों—सतीश, गुना और कार्तिक—को पकड़ लिया गया। गिरफ्तार
- करने के दौरान इनकी पुलिसवालों से झड़प हो गई,
- जिसमें पुलिस को अपनी सुरक्षा के लिए फायरिंग करनी पड़ी और तीनों के पैरों में गोली लगी।
- फिलहाल सभी आरोपी अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने इनके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाले हैं,
- और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें इनके सारे कनेक्शन और मजदूर कॉलोनियों में इनके परिचय की तलाश कर रही हैं।
पीड़िता की हालत और जांच की दिशा
पीड़िता मानसिक रूप से काफी सदमे में है। पुलिस ने 60 से ज्यादा पुराने अपराधियों की तस्वीरें
दिखाई, लेकिन वह किसी को पहचान नहीं सकी।
इलाके के सीसीटीवी कैमरों में उनकी पहचान साफ नहीं आ पाई क्योंकि रोशनी या ग्लेयर थी।
इलाके में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। पुलिस कमिश्नर ने भरोसा दिया है
कि केस की पूरी निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
इस बीच, राजनीतिक दलों ने सरकार की आलोचना की है और महिला सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
समाज और मीडिया में प्रतिक्रिया
कोयंबटूर गैंगरेप मामला ने एक बार फिर समाज और सरकार की जिम्मेदारी
पर सवाल उठा दिए हैं। लोग सोशल मीडिया पर पीड़िता
के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इस केस ने महिलाओं की सुरक्षा,
कानून व्यवस्था, और न्याय प्रक्रिया की कमियों को उजागर किया है।
राजनीतिक पार्टियों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता ने महिला सुरक्षा पर चिंता जताई और सरकार की जिम्मेदारी
उठाने की बात कही। विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के जरिए पीड़िता को इंसाफ दिलाने का दबाव बनेगा।
कानून का संदेश और आगे की राह
घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमों की तैनाती से उम्मीद है
कि मामले में जल्द न्याय मिलेगा।
इस केस ने सभी को एक बार फिर याद दिलाया है
कि महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कानून या पुलिस की जिम्मेदारी
नहीं, बल्कि समाज की भी है।
साथ ही, यह केस एक चेतावनी है कि महिलाओं को सुरक्षित माहौल देना हर नागरिक,
प्रशासन और सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पीड़ित लड़की के साहस और उसके दोस्त की तत्परता ने इस अपराध को सामने लाने में अहम भूमिका निभाई।
समाज को अब आगे बढ़कर ऐसे मामलों में पीड़ितों के साथ खड़ा रहना चाहिए।




